खंडवा/रायपुर:मन में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो रास्ते कितने भी कठिन हो आसान हो जाते हैं. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है खंडवा जिले के बोराडीमाल गांव के रहने वाले एक छात्र शिवराज यादव ने, जो कक्षा 5वीं में पढ़ता है. साइकिल से गिरने के बाद अब शिवराज घोड़े से स्कूल जा रहा है. साइकिल से दुर्घटना का शिकार होने के बाद शिवराज के मन में डर बैठ गया था. इसके बाद उसने अपने डर को कुछ इस तरह से दूर किया कि हर किसी के लिए वो कौतुहल (जिज्ञासा) का केंद्र बन गया.
दरअसल शिवराज के घर से स्कूल जाने के लिए रास्ता कच्चा है. कोरोना की वजह से स्कूल के लिए बस सर्विस भी मुहैया नहीं है. ऐसे में शिवराज की स्कूल जाने की ललक के आगे राह की दुश्वारियां बौनी साबित हुईं. उसने अपने पिता के सामने जब मन की बात की तो राजा (घोड़े का नाम) की सवारी से से शिवराज ने स्कूल का सफर तय करना शुरु कर दिया.
पढ़ाई का जुनून: बस या साइकिल से नहीं रोज घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाता है ये बच्चा
घोड़ा चलाने से पेट्राेल और डीजल का खर्च भी घटा
12 वर्षीय शिवराज ने बताया साइकिल और अन्य गाड़ी पर इसलिए नहीं बैठता हूं, क्योंकि एक्सीडेंट का डर बना रहता है. जबकि घोड़े पर सफर के दौरान ऐसा नहीं होता, क्योंकि रास्ते पर दौड़ते वक्त घोड़ा संभावित एक्सीडेंट को भांपते हुए खुद की जान बचाएगा, तो मैं भी बच ही जाऊंगा. इससे पर्यावरण संरक्षण भी होता है. लॉकडाउन के बाद क्लास चालू हुई तो वहां तक जाने के लिए साधन नहीं था. तब से शिवराज घोड़े पर स्कूल आने लगा.