रायपुरःदेव जागरण एकादशी के बाद विवाह और मांगलिक कार्यों के शुभ योग प्रारंभ हो जाते हैं सनातन परंपरा में विवाह एक प्रमुख संस्कार है कुल 16 संस्कारों में इस संस्कार को विशेष महत्व दिया गया है नवंबर और दिसंबर महीने में विवाह के कुल 8 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिसमें नवंबर में 4 और दिसंबर में चार विवाह के शुभ मुहूर्त हैं 16 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी के बीच खरमास लगने की वजह से विवाह कार्य एक बार पुनः बंद हो जाते हैं यानी 14 जनवरी मकर संक्रांति के उपरांत विवाह मुहूर्त पुनः प्रारंभ होंगे. इटीवी के साथ बातचीत में वैवाहिक मुहूर्त (matrimonial muhurta) को लेकर ज्योतिषाचार्य विनीत शर्मा (Astrologer Vineet Sharma) ने क्या कहा, आप भी जानिए...
नवंबर महीने के चार शुभ मुहूर्त इन तारीखों पर होगी
ज्योतिषाचार्य पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष प्रतिपदा शनिवार अर्थात 20 नवंबर शनिवार को विवाह का शुभ मुहूर्त रहेगा. आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. साथ ही रोहणी का अहोरात्र योग भी है. आज चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ राशि (Taurus) में स्थित रहेगा. साथ ही देर रात्रि से गजकेसरी योग भी बन रहा है. आज के दिन कुंभ लग्न में दोपहर 12:12 से लेकर दोपहर 1:46 तक स्थिर लग्न में शुभ विवाह का मुहूर्त है. आज ही के दिन मध्यरात्रि को सिंह और कन्या लग्न में रात्रि 11:27 से लेकर मध्य रात्रि 3:46 तक विवाह का दूसरा शुभ मुहूर्त भी बन रहा है. रविवार 21 नवंबर के दिन द्विपुष्कर योग का निर्माण हो रहा है. आज मृगशिरा नक्षत्र में प्रातः काल में कुंभ लग्न में दोपहर 12:08 से लेकर दोपहर 1:42 तक विवाह का उत्तम मुहूर्त है. इसी के साथ मध्यरात्रि सिंह और कन्या लग्न में अर्थात रात्रि 11:23 से मध्य रात्रि 3:42 तक उत्तम कोटि का सुयोग बन रहा है.
उन्होंने कहा कि अनला नवमी सर्वार्थ सिद्धि योग रवि योग सुंदर प्रभाव में 28 नवंबर को विवाह का तीसरा मुहूर्त बन रहा है. इस शुभ दिन रविवार है और रवि योग भी निर्मित हो रहा है. चंद्रमा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में विराजमान रहेगा. सिंह और कन्या राशि के चंद्रमा में यह विवाह संपन्न होगा. मध्य रात्रि को कन्या लग्न में 1:05 से लेकर देर रात्रि 3:14 तक कर परम शुभ योग है. 30 नवंबर मंगलवार कृष्ण पक्ष एकादशी के सुंदर संयोग में त्रिपुष्कर योग और उत्पत्ति एकादशी के प्रभाव में यह मांगलिक विवाह का मुहूर्त परम योगकारक है. आज के दिन हस्त नक्षत्र में प्रातः काल सुबह 7:38 से लेकर प्रातः 9:44 तक और दिन में 11:32 से लेकर दोपहर 1:06 तक और अत्यंत शुभ गोधूलि बेला में सायं काल 4:29 से लेकर सायं काल 6:05 तक विवाह संस्कार कराना अत्यंत श्रेष्ठ होगा. आज के दिन एकादशी का व्रत रखकर विवाह करना चाहिए. गोदान, गौ-सेवा और गौ-माता को अन्न खिलाकर विवाह करना उत्तम माना गया है. वस्त्र प्रवाल आदि दान करना भी शुभकारी माना गया है.