रायपुर:सीएम भूपेश बघेल ने साल 2022-23 के लिए छत्तीसगढ़ का बजट पेश किया. इस बजट में भी गांव, किसान, गोधन की झलक साफ दिखाई दी. गोबर से बने ब्रीफकेस (cow dung briefcase ) में सीएम छत्तीसगढ़ का चुनावी बजट (chhattisgarh election budget) लेकर विधानसभा पहुंचे. आइए जानते हैं बजट की प्रमुख बातें. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2020-21 की तुलना में इस साल जीडीपी में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. प्रति व्यक्ति आय में 11.93 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
1-सीएम ने कहा कि, बापू की स्मृतियों को संजोने एवं उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिये नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना की जायेगी. इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस पर व्यय हेतु नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है.
2. हमने अपनी विरासत और विकास योजनाओं को लेकर जो कहा था, उसे करके भी दिखाया है. जिसके कारण ग्रामीण तथा वनांचलों में रोजगार के नये अवसर बने हैं तथा हमें ग्राम केन्द्रित नयी अर्थव्यवस्था स्थापित करने में सफलता मिली है. विकास के इस "छत्तीसगढ़ मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है.
3. हमारी सरकार द्वारा पहले वर्ष में ही 17 लाख 96 हजार किसानों का 8 हजार 744 करोड़ रूपये का कृषि ऋण माफ किया गया. किसानों से धान की खरीदी 2500 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर की गयी. खरीफ 2018 के धान हेतु 15 लाख 77 हजार किसानों को 6 हजार 22 करोड़ रूपये की बोनस राशि का तत्काल भुगतान किया गया.
4.बस्तर के विकास का नया अध्याय शुरू करते हुए संभाग के जिलों में वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है. हमारे इस कदम से वहां के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिये जा सकेंगे. नये उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी. शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य गतिविधियों के लिये भी सरलता से भूमि उपलब्ध हो सकेगी.
5. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि दी जा रही है. इस वर्ष 3 लाख 54 हजार 513 भूमिहीन कृषि मजदूरों को 71 करोड़ 08 लाख की प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है. आगामी वर्ष से 6 हजार वार्षिक सहायता की राशि को बढ़ाकर 7 हजार करने की घोषणा करता हूं
6. प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले व्यक्ति, जिन्हें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी इत्यादि भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है. आदिवासियों के सांस्कृतिक जीवन एवं सामाजिक संस्कारों में विशेष महत्व है. आदिवासियों के सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्कार को जीवित रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. इन पुजारियों, बैगा, गुनिया, मांझी आदि जिनमें आदिवासियों के देवस्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया भी शामिल है. इनको राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ दिये जाने की घोषणा करता हूं.
7. सुराजी गांव के स्वप्न को साकार करने के लिये प्रदेश में स्थापित गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जायेगा. इन औद्योगिक पार्कों में स्थानीय खाद्य उत्पादों एवं लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन (Value Addition) के लिये प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जायेगी. बांस एवं काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प तथा अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु एवं कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिये स्थानीय युवाओं को सहयोग दिया जायेगा.
8. इन औद्योगिक पार्कों में तैयार किये जाने वाले उत्पादों का चयन हितग्राहियों के कौशल, कच्चे माल की उपलब्धता तथा तैयार उत्पाद की उपभोक्ताओं में मांग को ध्यान में रखते हुए किया जायेगा. इन औद्योगिक पार्कों में उन्नत अघोसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये 600 करोड़ का प्रावधान है.
9. गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन एवं लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा देना, मिलेट मिशन एवं वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नये अवसरों का सृजन हुआ है. इन उत्पादों के विपणन का कार्य छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रान्ड के नाम से किया जा रहा है.
10. नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय एवं राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए रोजगार एवं स्वरोजगार की नवीन संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है. इस हेतु छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत के लिये 2 करोड़ का प्रावधान है.
11. छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों का परीक्षा शुल्क माफ करने की घोषणा करता हूं.
12. शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की पुरानी मांग पर विचार करते हुए एन.पी.एस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा करता हूं.
13. शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में भी आगामी वर्ष से वृद्धि की घोषणा करता हूं.
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14. राज्य के चालू वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिर भाव पर वर्ष 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 11.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है.
15. वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है. इस प्रकार कृषि एवं सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य एवं औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है.
16. प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.60 प्रतिशत अधिक है.
17. वर्ष 2020-21 में अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 05 हजार 778 रूपये की तुलना में वर्ष 2021-22 में 1 लाख 18 हजार 401 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.93 प्रतिशत अधिक है.
18. वर्ष 2021-22 के राज्य बजट में केन्द्रीय करों एवं केन्द्रीय सहायता अनुदान मद में कुल 44 हजार 325 करोड़ का प्रावधान रखा गया था. वर्ष 2022-23 के केन्द्रीय बजट को देखते हुए इस वर्ष राज्य के बजट में कुल 44 हजार 573 करोड़ की राशि केन्द्र से प्राप्त होना अनुमानित है. जून 2022 के पश्चात् जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान समाप्त किये जाने के कारण केन्द्रीय प्राप्तियों में कम वृद्धि अनुमानित है.
19. वर्ष 2021-22 के बजट में राज्य के स्वयं के कर एवं करेत्तर राजस्व से कुल 35 हजार करोड़ की प्राप्ति अनुमानित की गयी थी. राज्य के स्वयं के राजस्व स्रोतों में वृद्धि हेतु किये जा रहे सतत् प्रयासों से राजस्व प्राप्तियों में निरंतर वृद्धि दर्ज होने के परिणामस्वरूप इस वर्ष राज्य मद से प्राप्तियों में 44 हजार 500 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है. इस प्रकार राज्य के स्वयं के राजस्व प्राप्तियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में केन्द्रीय प्राप्तियों में केवल 1 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है.
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कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था की स्थिति का बजट में जिक्र
20. किसानों की उन्नति के लिये हमारी सरकार द्वारा किये गये ठोस प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में कृषि एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में उभरा है. खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित किया गया है. इस प्रकार विगत 3 वर्षों के दौरान 9 लाख 77 हजार नये किसानों का पंजीयन हुआ है एवं उपार्जित धान की मात्रा में भी 41 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई है.
21. धान सहित समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिये राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम 10 हजार की आदान सहायता देने की व्यवस्था है. विगत 2 वर्षों में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता राशि 20 लाख से अधिक किसानों को भुगतान किया जा चुका है. इस योजना के लिये 6 हजार करोड़ का प्रावधान है.
22. विविध फसलों को बढ़ावा देने के क्रम में गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रूपये के स्थान पर 355 रूपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है. इस वर्ष 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी हेतु 112 करोड़ का प्रावधान है
23. पिछड़े क्षेत्र वाले 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्धन एवं कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु चिराग परियोजना प्रारंभ की गई है. इसके लिये 200 करोड़ का प्रावधान है
24. प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का बजट प्रावधान है
25. फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान है.
26. 10 हजार 404 हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान तथा 9 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी उत्पादन एवं 1 हजार 895 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती के लिये कृषकों को सहायता अनुदान का लक्ष्य रखा गया है.
27. कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों के सुरक्षित भंडारण की क्षमता में वृद्धि हेतु दुर्ग जिले में इन्टीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जायेगी. इसमें अत्याधुनिक गामा विकिरण तकनीक का उपयोग किया जायेगा. इसके लिये 24 करोड़ का प्रावधान है.
28. खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों की जांच के लिये एन.ए.बी.एल. (NABL) से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोग शाला स्थापित की जायेगी.इसकी स्थापना से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिसका आर्थिक लाभ सीधे कृषकों को प्राप्त हो सकेगा। इसके लिये 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है
28. प्रदेश भर में अब तक स्वीकृत 10 हजार 590 गौठानों में से 8 हजार 119 गौठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है. यहां उपलब्ध विशेष सुविधा के तहत अब तक 1 लाख 86 हजार 641 कृत्रिम गर्भाधान किये गये हैं, जिससे 57 हजार 943 बछड़ों का जन्म हुआ है.
30. गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपये का भुगतान किया गया है. इसमें स्वावलंबी गौठानों द्वारा स्वयं के आय से भुगतान की गई 12 करोड़ की राशि भी शामिल है.
31. गौठानों में उपलब्ध गोबर से 11 लाख 65 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट एवं 4 लाख 65 हजार क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन हुआ है. अब तक 91 करोड़ 11 लाख का वर्मी एवं सुपर कम्पोस्ट विक्रय किया जा चुका है. स्व-सहायता समूह के हितग्राहियों को 31 करोड़ 34 लाख की लाभांश राशि वितरित की गई है.
32. चारे की व्यवस्था हेतु अब तक 7 हजार चारागाहों की स्वीकृति दी गई है. लगभग 5 हजार चारागाहों में चारा रोपण कर, गौठानों में हरा चारा उपलब्ध कराया जा रहा है.
33. सूखा चारा उपलब्ध कराने हेतु ग्रामीणों को पैरा-दान के लिए जागरूक एवं प्रेरित करके गौठानों में 15 लाख 67 हजार क्विंटल पैरा एकत्रित किया गया है.
34. गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए अबतक 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल, 40 आटा मिल एवं 680 मिनी राइस मिलों की स्थापना की गई है.
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सिंचाई सुविधाओं का प्रदेश में हो रहा विकास
35. सिंचाई परियोजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए लघु एवं मध्यम सिंचाई की योजनाओं पर. हमने विशेष ध्यान दिया है. परिणामस्वरूप वर्ष 2018 में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हजार हेक्टेयर से बढ़कर अब 13 लाख 58 हजार हेक्टेयर हो चुका है.
36. वर्ष 2022-23 में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है. इन कार्यों से 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी. नवीन मद अंतर्गत 249 बृहदकार्य, 53 मध्यम कार्य तथा 835 लघु सिंचाई कार्य तथा 404 एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल है.
37. केलो परियोजना हेतु 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ तथा समोदा परियोजना को पूर्ण करने के लिए 14 करोड़ का प्रावधान है.
38. नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्यों हेतु 125 करोड़ का प्रावधान है.
39. इस वर्ष 10 वृहद्, 15 मध्यम, 3 लघु सिंचाई एवं 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान है.
40. वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण हेतु 100 करोड़ का प्रावधान है.
41. 5 एच.पी. तक के कृषि पम्पों को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान योजना के लिये 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है. इस योजना से लगभग 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा.
42. सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 एवं 5 एचपी क्षमता के 15 हजार सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना की जायेगी. इसके लिये 417 करोड़ का प्रावधान है.
43. प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना हेतु राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान है.
ग्रामीण विकास गतिविधियों का बजट में जिक्र
44. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास किया जा रहा है. उत्थान परियोजना अंतर्गत प्रदेश के 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की 172 महिलाओं को सी.आर.पी (Community Resource Person) के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जायेगा.
45. मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ किया गया है. उपरोक्त विभिन्न गतिविधियों हेतु ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के लिये 450 करोड़ का प्रावधान है.
46. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं. योजना में 800 करोड़ का प्रावधान है.
47. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है. योजना में 500 करोड़ का प्रावधान है.
48. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है. नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 रटील ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है. योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान है।
49. मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़ ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य हेतु अनुदान योजना में 200 करोड़ तथा पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान है.
रेशम एवं अन्य शिल्प गतिविधियों का बजट में जिक्र
50. बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून वर्तमान में व्यापारियों द्वारा क्रय करके अन्य राज्यों को निर्यात किये जाने के कारण राज्य की जनता को समुचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था. अतः रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिये मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जायेगी.
51. रेशम विभाग के माध्यम से रैली ककून का क्रय करने हेतु ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना की जायेगी. संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिये वितरण किया जायेगा. स्व-सहायता समूहों को धागाकरण हेतु प्रशिक्षण एवं मशीन उपकरण की सहायता दी जायेगी.
52. पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिये सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की जायेगी. मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी. इसके लिये 4 करोड़ 53 लाख का बजट प्रावधान है.
53. कुम्भकार परिवारों द्वारा पारम्परिक लकड़ी के चाक से मिट्टी के बर्तन, गमले, खपरा आदि का निर्माण जीविकोपार्जन के लिये किया जाता है. कार्यकुशलता एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिये कुम्भकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जायेगा. इसके लिये 2 करोड़ का प्रावधान है.
पेयजल सुविधाओं को लेकर बजट में ऐलान
54. राज्य के 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है. इस हेतु जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान है.
55. नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना के लिये अनुदान मद में 30 करोड़ तथा ऋण हेतु 55 करोड़ का प्रावधान है.
56. गौठानों में 860 नग नलकूप खनन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है.
57. नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में ग्रीष्म काल में पानी की समस्या के निराकरण हेतु रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने की अनुमानित लागत 106 करोड़ है. इस हेतु नवीन मद में 2 करोड़ का प्रावधान है.
बजट में शिक्षा क्षेत्र को क्या मिला ?
58. कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार के बच्चों को आधुनिक शिक्षा-अधोसंरचना का लाभ दिलाने का हमारा प्रयास सफल रहा है. अंग्रेजी माध्यम से संचालित 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है.
59. इस नई पहल के प्रति अभिभावक एवं विद्यार्थियों की अभिरूचि को देखते हुए इस वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी 32 स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है. इससे 17 हजार 500 बच्चे लाभान्वित होंगे.
60. इस वर्ष 11 माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन किये जाने हेतु नवीन मद में प्रावधान है.
61. भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण किया जायेगा. इसके लिये 50 करोड़ का प्रावधान है।
62. रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभट्ठी, कुंदला एवं आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास एवं अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का नवीन मद में प्रावधान है.
63. अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये संचालित भवन विहीन छात्रावास आश्रमों हेतु 106 भवनों का निर्माण किया जायेगा। इस हेतु 50 करोड़ का प्रावधान है.
64. बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिये बजट में प्रावधान है.
65. 16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट में प्रावधान है.
66. भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जायेगा.
67. शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिये 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है.
68. प्रदेश के 28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के माग अनुसार नवीन ट्रेड प्रारंभ करने के लिये बजट में सेट-अप एवं 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान.