रायपुरः समय के साथ-साथ लोगों की लाइफ स्टाइल बदलती जा रही है. लोगों के उठने का समय बदल चुका है. सोने का समय बदल चुका है. साथ ही खान-पान में भी बड़े स्तर पर बदलाव हुए हैं. इसका असर कहीं ना कहीं उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ हृदय यानी की हार्ट पर काफी देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि अब कम उम्र वाले लोगों में भी हार्ट की बीमारी देखने को मिलने लगी है जो कि पहले ज्यादा उम्र के लोगों में होती थी.
आखिरकार बदलते लाइफस्टाइल का हृदय पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? इससे कैसे बचा जा सकता है? इसके लिए किन उपायों को किया जाना जरूरी है? आदि इन विषयों की जानकारी ईटीवी भारत पर दे रहे हैं हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर स्मित श्रीवास्तव...
सवाल : बदलते लाइफस्टाइल का हृदय पर क्या प्रभाव (Lifestyle Effect On Heart) पड़ रहा है?
जवाब : कोरोना की वजह से लोगों की दिनचर्या यानी की लाइफ स्टाइल में काफी बदलाव हुए हैं. अब फिजिकल काम (Physical Work) कम हो गया है. लोग अपने घर तक सीमित रह गए हैं. खास कर बच्चों के खेल कूद तो पूरी तरह से बंद हो गए हैं. भोजन भी अब आसानी से पचने वाला किया जा रहा है. जिससे हार्ट पर चर्बी (Fat On Heart) बढ़ जाती है. हार्ट में ब्लॉकेज के चांसेस बढ़ जाते हैं. अब हार्ट के ब्लॉकेज (Heart Blockages) वाले मरीजों की संख्या (Number of Patients) बढ़ती जा रही है.
सवाल: पहले एक उम्र के बाद लोगों में हार्ट से संबंधित बीमारी होती थी लेकिन अब कम उम्र के लोग यहां तक कि बच्चों में भी यह बीमारी होने लगी है?
जवाब : पहले फर्स्ट हार्ट अटैक (First Heart Attack) की समस्या 55 साल के उम्र तक थी. वैज्ञानिक दृष्टि से हार्ट अटैक को दो तरह से देखा जाता है. 30-35 साल के पहले और 50 साल के पहले हार्ट अटैक आना. लेकिन अब कम उम्र के लोगों में हार्ट अटैक (Heart Attack) काफी तेजी से बढ़ रहा है. 24 से 30% लोग 30-35 साल के कम उम्र के हैं. हार्ट अटैक की बढ़ती संख्या के लिए अनुवांशिक कारण (Genetic Cause) भी जिम्मेदार हैं. यदि लोग अपने जीवन शैली में थोड़ा सा बदलाव कर लें, तंबाकू का सेवन ना करें (Don't Smoke Tobacco), सिगरेट, शराब का सेवन ना करें या फिर कम मात्रा में करें तो इससे भी हार्ट की समस्या (Heart Problems) से बचा जा सकता है.
सवाल :फसलों परपहले जैविक खाद (Organic Manure) का इस्तेमाल किया जाता था. अब रसायनिक खाद (Chemical Fertilizer) का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका सेवन करने से लोगों के हृदय पर प्रभाव पड़ रहा है?
जवाब : खान-पान का शरीर और हृदय पर काफी प्रभाव पड़ता है. पहले भारतीय थाली में जो खाद्य सामग्री होती थी वह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त होता था लेकिन अब खान-पान में काफी बदलाव आ गया है. आज के समय में खाने वाली चीजें आसानी से पच जाती हैं, जो चीज आसानी से पचती हैं उसमें चर्बी ज्यादा होता है. वह चर्बी हार्ट की धमनियों में जमती है और हार्ट के ब्लॉकेज को बढ़ाती है.
सवाल: एक ही तेल के सेवन से हार्ट पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है. तेल को बदलते रहना चाहिए. क्या यह बात सही है?
जवाब : यह साइंटिफिक हकीकत (Scientific Reality) है कि आपको एक प्रकार का तेल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. आपको ऐसा तेल इस्तेमाल करना चाहिए जिसके इस्तेमाल करने से काला धुंआ ना निकले. भारतीय भोजन में तड़का लगाना जरूरी है और ऐसे में अलग-अलग प्रकार के तेल इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे हर प्रकार के तेल का फायदा मिलेगा और नुकसान कम होगा.