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छत्तीसगढ़ में बिजली हुई महंगी, आम उपभोक्ता से लेकर उद्योगों के लिए नए टैरिफ लागू

छत्तीसगढ़ में बिजली कंपनियों ने विद्युत नियामक आयोग (Chhattisgarh Electricity Regulatory Commission) के सामने दरों में बढ़ोतरी करने की याचिका पेश की थी. इस याचिका को मंजूरी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ की बिजली 10 से 15 फीसदी तक महंगी हुई है.

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छत्तीसगढ़ में बिजली हुई महंगी

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Published : Apr 13, 2022, 4:46 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 6:47 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को जोर का झटका लगा है. छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी (Chhattisgarh Electricity Regulatory Commission) ने अपने घाटे को रिकवर करने के लिए प्रति यूनिट बिजली महंगी कर दी है. प्रदेश में अब घरेलू बिजली 2.31 फीसदी महंगी हो गई है. छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग ने बिजली की नई दरें घोषित कर दी हैं. घरेलू बिजली की दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. उद्योगों के लिए बिजली की दर में 15 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. जिसमें पोहा और मुरमुरा उद्योग के लिए 5 प्रतिशत की छूट दी गई है.

छत्तीसगढ़ में बिजली हुई महंगी

बिजली कंपनियों ने दिया था प्रस्ताव : राज्य सरकार के स्वामित्व वाली तीनों बिजली कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने के लिए याचिका लगाई थी. कंपनियों ने 2022-23 के लिए 1004 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की पूर्ति का प्रस्ताव दिया था. लेकिन आयोग ने परीक्षण के बाद पाया कि कंपनियों का घाटा केवल 386 करोड़ रुपए ही है. विद्युत वितरण कंपनी ने 19 हजार 336 करोड़ 76 लाख की राजस्व आवश्यकता की बात कही थी. जिसे आयोग ने 17 हजार 115 करोड़ 85 लाख रुपया मान्य किया है.

आयोग ने की 2.31 फीसदी की बढ़ोतरी :आयोग ने 2022-23 के लिए बिजली की औसत लागत 6.22 रुपया निर्धारित की है. 2021-22 की प्रचलित दर से औसत बिल 6.08 रुपया थी. यह औसत विद्युत लागत से 14 पैसा कम है. आयोग ने बताया कि बिजली कंपनियों की ओर से प्रस्तावित कुल 1004 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई की जाती तो टेरिफ में औसतन 5.39% की वृद्धि होती. इसे घटाकर 386 करोड़ रुपए ही मान्य किया गया. ऐसे में बिजली की दरों में औसतन 2.31% की वृद्धि हुई है. बिजली की नई दरें एक अप्रैल 2022 से प्रभावी हो चुकी हैं। यानी अप्रैल महीने का बिजली बिल नये टेरिफ के हिसाब से आएगा।

छत्तीसगढ़ राज्य में विद्युत वितरण करने वाली कंपनी ने घाटे को लेकर नियामक आयोग के सामने दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. जिसे आयोग ने मंजूर कर लिया. नियामक आयोग के फैसले के मुख्य बिंदु: घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. अन्य सभी विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 15 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की हुई है. 220kV एवं 132 KV के उच्च दाब स्टील उद्योगों के दरों में 5 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है. HV-S श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को वर्तमान टैरिफ में ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसी प्रावधान को LV-S श्रेणी के पोहा एवं मुरमुरा मिल पर लागू करते हुए 5 प्रतिशत की छूट दी गई है. HV-3 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले टैक्सटाइल उद्योग के साथ इण्डस्ट्री एवं इथेनॉल उद्योग को ऊर्जा प्रभार में 25 प्रतिशत की दर वृद्धि की गई है. उपयुक्त निम्नदाब एवं उच्च दाब श्रेणियों के वर्तमान में लागू बिलिंग विचाड को 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया गया है. राज्य की विद्युत वितरण कंपनी की कार्य कुशलता बिलिंग दक्षता में वृद्धि करने हेतु द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में समुचित निर्देश जारी किए गए हैं


कृषि एवं कृषि संबंधी उपभोक्ताओं के लिए निर्देश :गैर सब्सिडी वाले कृषि विद्युत वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत सब्सिडी रहेगी. किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्प और खेतों की रखवाली के लिए पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के पास 100 वाट के भार उपयोग की सुविधा है. किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए 100 वॉट तक लाइट और पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है.

ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा प्रदाय करने वाली संस्था :राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण और सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 7 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है.

इलेक्ट्रिकल व्हिकल पर टैरिफ फिक्स : पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों (Electrical Transport system) के लिए इलेक्ट्रीकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ 5 रुपए प्रति यूनिट जारी की गई है.

महिलाओं को छूट : महिला सशक्तिकरण के लिए पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित कृषि एवं संबंधित गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में अधिभार नहीं : राज्य के नक्सलवाद प्रभावित दूरस्थ जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ कर मोबाइल संपर्क की सुविधा को विस्तारित करने के लिए नये मोबाइल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए (01.04.2019 के बाद लगने वाले मोबाइल टॉवर) ऊर्जा प्रभार में 50 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है.

Last Updated : Apr 13, 2022, 6:47 PM IST

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