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छत्तीसगढ़ में भी आदिवासियों की कर्ज माफ कराए सरकार, अलग-अलग तबके से उठने लगी है मांग

मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की तर्ज पर ही अब छत्तीसगढ़ में भी साहूकारों के हाथों लिए गए कर्ज को माफ (forgive debt) करने की मांग उठने लगी है. इधर, इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेता (Congress leaders) अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं.

Demand started rising for loan waiver of tribals
आदिवासियों की कर्जमाफी के लिए उठने लगी मांग

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Published : Nov 11, 2021, 8:10 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 10:55 PM IST

रायपुरः मध्यप्रदेश में आदिवासियों के द्वारा गैर लाइसेंसी साहूकारों (unlicensed moneylenders) से लिए गए ऋण माफ (loan waiver) किये जाने की वैधानिक प्रक्रिया (legal process) शुरू हो गई है. मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार यह एक बड़ा तोहफा वहां के आदिवासियों को देने जा रही है.

शिवराज के तोहफे के बाद छत्तीसगढ़ में भी आदिवासियों ने साहूकारों से लिए गए ऋण (Tribals took loans from moneylenders) को शून्य किए जाने की मांग की है. भाजपा ने भी आदिवासियों (tribals) की इस मांग को तत्काल पूरा किए जाने का सरकार से मांग की है. वहीं, कांग्रेस इस मामले पर गोलमोल जवाब देती नजर आ रही है. छत्तीसगढ़ में साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार आदिवासियों की संख्या कुल जनसंख्या का लगभग 31% है.

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कर्ज की चक्की में पीस रही कई पीढ़ियां
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (BJP State Spokesperson Gaurishankar Shrivas) ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है. इस बात को हम बहुत अच्छे से जानते हैं कि आज भी हजारों की संख्या में कई आदिवासी गैर लाइसेंसी साहूकारों के कर्ज के चंगुल में फंसे हुए हैं. उनकी कई पीढ़ियां इस कर्ज के झंझट से मुक्त नहीं हुई है. मध्य प्रदेश की सरकार ने जिस तरीके का प्रस्ताव लाया है, यह बहुत ही अभूतपूर्व फैसला है. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को भी ऐसा ही करना चाहिए.


कांग्रेस नेताओं का टाल-मटोल जवाब
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साहूकारों द्वारा लिए गए कर्ज को शून्य किए जाने के संबंध में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हीं से पूछिए जो इसे लागू कर रहे हैं. आदिवासियों को मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एक बड़ी राहत देने जा रही है. जिसके तहत (15 अगस्त 2020) तक जिन आदिवासियों ने बिना रजिस्टर्ड साहूकारों से कर्ज लिया है, वह अब चुकाना नहीं पड़ेगा.

इसके लिए सरकार अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम और मध्यप्रदेश साहूकार अधिनियम में संशोधन कर चुकी है. अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जनजाति कार्य विभाग के अनुसूचित जनजाति साहूकार अधिनियम में संशोधन की अनुमति दे दी है. जिसके बाद 15 नवंबर को जनजातीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लॉक में संशोधन लागू करने की घोषणा करेंगे. इस कानून के तहत मध्यप्रदेश में बिना लाइसेंस साहूकारी करने पर 3 साल की सजा होगी. जबकि साहूकार विधेयक में 6 महीने की सजा को 3 साल किया गया है.

Last Updated : Nov 11, 2021, 10:55 PM IST

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