रायपुर: आईपीएस राहुल शर्मा की कथित सुसाइड केस में न्यायिक जांच की मांग एक बार फिर उठनी शुरू हो गई है. सीबीआई के पूर्व जज प्रभाकर ग्वाल ने इस केस में निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच होगी तो निश्चित ही राहुल शर्मा मामले में हत्या का मामला दर्ज होगा. आपको बता दें कि 2002 बैच के आईपीएस अफसर राहुल शर्मा का शव 12 मार्च 2012 को बिलासपुर पुलिस मेस में पाया गया था. उस दौरान पुलिस ने कहा था कि आईपीएस अफसर राहुल शर्मा ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली है. अब उसकी न्यायिक जांच की मांग उठनी शुरू हो गई है.
सीबीआई के पूर्व जज प्रभाकर ग्वाल जीपी सिंह पर लगे थे आरोप, मचा था हड़कंपआईपीएस अफसर राहुल शर्मा को बिलासपुर का एसपी बने 1 सप्ताह हुआ था. लेकिन ऐसी क्या वजह थी कि उन्होंने सुसाइड कर ली. राहुल शर्मा की आत्महत्या के बाद पुलिस और प्रशासनिक अमले में हड़कंप की स्थिति बनी थी. हंगामा बढ़ता देख कर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. इस केस की कई वर्षों तक सीबीआई जांच हुई लेकिन सीबीआई टीम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई. जांच में सीबीआई ने किसी को दोषी नहीं ठहराया और केस को बंद कर दिया. लेकिन राहुल शर्मा को आत्महत्या की नौबत तक प्रताड़ित करने का आरोप उस समय बिलासपुर रेंज के आईजी रहे जीपी सिंह पर लगा. जिसकी प्रशासनिक जगत में काफी चर्चा भी हुई.
राहुल शर्मा के सिर पर मिले थे गोली के निशानबिलासपुर एसपी रहे आईपीएस राहुल शर्मा ने 12 मार्च 2012 को आत्महत्या कर ली थी. वह साल 2012 में कुछ ही दिन पहले ट्रांसफर होकर बिलासपुर गए थे. उनका शव ऑफिसर्स मेस में मिला था. उस दिन उनके गनमैन ने उसे नाश्ते के लिए पूछा था, लेकिन उन्होंने नाश्ता करने से इनकार कर दिया था. दोपहर में जब गन मैन लंच के लिए पूछने गया तो देखा कि, राहुल शर्मा का शव पड़ा है. आपको बता दें कि एसपी राहुल शर्मा के शव का पोस्टमार्टम बिलासपुर सिम्स में किया गया था. जिसकी रिपोर्ट में आत्महत्या की बात सामने आई थी.
कांग्रेस सरकार ने बनाई जांच समिति छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनते ही 2018 में पांच सदस्यीय जांच टीम बनाई गई थी. जेल डीजी संजय पिल्ले द्वारा बनाई गई इस टीम ने राहुल शर्मा आत्महत्या मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नही कर पाई है. इतना ही नहीं इस मामले में जांच समिति के गठन के बाद से जांच की शुरुआत भी नहीं हो पाई है. आपको बता दें डीजी जेल की अगुवाई में बनाई गई समिति में आईजी दीपांशु काबरा, आईजी रतनलाल डांगी, एसपी प्रशांत अग्रवाल और एएसपी अर्चना झा को शामिल किया गया था, लेकिन अब तक समिति ने जांच का दायरा आगे नहीं बढ़ाया है.