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HARELI PROGRAM IN CG : हरेली पर्व की तैयारियां पूरी, सीएम भूपेश लॉन्च करेंगे नई योजना

HARELI PROGRAM IN CG : छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व को लेकर तैयारियां पूरी की जा चुकी है. इस दिन सीएम भूपेश गोमूत्र खरीदी योजना का शुभारंभ भी (urine purchase scheme in Hareli)करेंगे.

HARELI PROGRAM IN CG
सीएम भूपेश लॉन्च करेंगे नई योजना

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Published : Jul 26, 2022, 2:01 PM IST

रायपुर : हरेली छत्तीसगढ़ी संस्कृति, कृषि संस्कृति, परम्परा, लोक पर्व एवं पर्यावरण की महत्ता को दर्शाता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजधानी रायपुर स्थित निवास पर हर बार की तरह इस बार भी किसानों, बहनों एवं भाइयों के साथ हरेली का पर्व पारंपरिक एवं धूमधाम से मनाया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) इस अवसर पर कृषि यंत्रों की पूजा भी करेंगे. हरेली पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए मुख्यमंत्री निवास में तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई हैं. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों द्वारा सुआ, कर्मा, ददरिया और गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी तथा हरेली गीत भी गाए जाएंगे. छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिन सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है. उनमें हरेली त्यौहार भी शामिल है.

गोमूत्र खरीदी का शुभारंभ :हरेली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन ब्लॉक के गांव करसा (Cow urine purchase scheme started from village Karsa of Patan block) से गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोमूत्र खरीदी का शुभारंभ (cow urine purchase scheme in chhattisgarh) करेंगे. गांव के पशुपालक चार रुपए प्रति लीटर में गोमूत्र विक्रय कर सकेंगे. हरेली के मौके पर होने वाली इस खरीदी से प्रदेश के गौवंशपालकों को आर्थिक रूप से बड़ी मजबूती मिलेगी. अब तक किसान गोबर का विक्रय करते आये थे. अब गोमूत्र भी बेचने से उनकी आय में इजाफा होने से पशुधन विकास के कार्य को बढ़ावा मिलेगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि कृषि के साथ पशुपालन का कार्य करने से किसान अपनी आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल कर सकते (urine purchase scheme in Hareli) हैं.

कृषि सम्मेलन का होगा आयोजन : इस मौके पर करसा में कृषि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया (Agriculture conference organized in Karsa Patan) जाएगा. यहां नये कृषि उपकरणों की लांचिंग होगी. खेती किसानी के लिए उपयोगी कृषि प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी मुख्यमंत्री किसानों से खेती किसानी के बारे में बातचीत करेंगे और उनका सम्मान भी करेंगे. 20 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व के अवपर पर ही देश की अनूठी गोधन न्याय योजना की शुरूआत की थी.

बैलगाड़ी से पहुंचेंगे पूजास्थल :मुख्यमंत्री हरेली पूजास्थल में बैलगाड़ी से पहुंचेंगे. वहां वे गौमाता की पूजा करेंगे. साथ ही परंपरागत रूप से कृषि उपकरणों की पूजा करेंगे. वे मशीन से पैरा काटेंगे और गायों को खिलाएंगे. हरेली के मौके पर गोवंश की पूजा होती है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल भी मुख्यमंत्री ने अपने निवास से बैलगाड़ी से निकले थे और सुंदर परंपरागत तरीके से हरेली का उत्सव मनाया था.

नये कृषि उपकरणों की होगी लांचिंग :किसान सम्मेलन का खास आकर्षण नये कृषि उपकरणों की लांचिंग होगा. इसमें सबसे खास है एक ऐसा ड्रोन जिसके माध्यम से फर्टिलाइजर और कीटनाशक की समुचित मात्रा में काफी कम समय में छिड़काव हो सकेगा. इसके साथ ही कृषि के लिए उपयोगी अत्याधुनिक उपकरण भी डिस्प्ले के लिए लगाए जाएंगे. कृषि सम्मेलन में विशेषज्ञ भी मौजूद रहेंगे. जिनसे किसान आधुनिक तरीके से खेती के संबंध में और खेती में आई नई तकनीक के बारे में जानकारी ले सकेंगे.

छत्तीसगढ़ी खेलों की होगी धूम :हरेली खेती का त्योहार है और साथ ही छत्तीसगढ़ में खेलों का सबसे बड़ा दिन भी है. इस मौके पर छोटे बच्चे और बड़े बुजुर्ग गेड़ी चढ़ते हैं. इस दिन करसा में गेड़ी प्रतियोगिता भी होगी और इसके विजेताओं को सम्मानित भी किया जाएगा. इस मौके पर गेड़ी रेस, भौंरा, पिट्ठूल, कंचा, पतंग, गोली चम्मच, खोखो, रस्सा खींच, तिग्गा गोटी और गिल्ली डंडा जैसे खेलों का आयोजन भी किया जाएगा. प्रदेश के सभी स्कूलों में भी गेड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा.

खेती किसानी पर होगी चर्चा :हरेली का त्योहार अच्छी फसल की कामना के लिए सबसे खास त्योहार है. यह उत्सव का समय भी है और बेहतर खरीफ फसल के लिए विचारविमर्श कर योजना बनाने का भी.मुख्यमंत्री कृषक सम्मेलन में किसानों से बातचीत करेंगे. मुख्यमंत्री स्वयं किसान भी हैं. इसलिए अपने अनुभव भी साझा करेंगे. साथ ही सरकार द्वारा किसानों के हित में आरंभ की गई योजनाओं की जानकारी भी देंगे. वे किसानों के अनुभव भी जानेंगे और उनसे चर्चा भी करेंगे.

गोमूत्र खरीदी इसलिए :छत्तीसगढ़ सरकार जैविक खेती की ओर राज्य को ले जाने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है. इसके लिए आवश्यक है कि गोवंश संवर्धन हो और इनका पालन किसानों के लिए उपयोगी हो. गोबर खरीदी के माध्यम से और इसके द्वारा वर्मी कंपोस्ट बनाकर जैविक खाद का बड़े पैमाने पर उत्पादन प्रदेश में हो रहा है. अब गोमूत्र खरीदी से किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया तैयार होगा. इससे वे पशुपालन की दिशा में और तेजी से आगे बढ़ेंगे और उनकी आय की स्तर में बढ़ोत्तरी होगी.

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