रायपुरःजिले में राइट-टू-एजुकेशन (Right To Education) के तहत अभी तक बच्चों का एडमिशन (Children's Admission) निजी स्कूलों (private schools) में नहीं हो पाया है जिसके चलते गरीब छात्र (Poor Student) पढ़ाई में पिछड़ते जा रहे हैं. कई जिलों में लॉटरी (lottery) से नाम निकलने के बाद भी छात्रों ने एडमिशन नहीं लिया है. जिला शिक्षा विभाग की ओर से आरटीआई के अंतर्गत प्रवेश प्रक्रिया में हुई देरी और सीटों में दाखिले को लेकर हो रही लेट-लतीफी का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है. बच्चे पढ़ाई में बिछड़ते जा रहे हैं.
प्रथम चरण में लॉटरी में जिन छात्रों के नाम आए थे उनके दाखिले अब तक नहीं हो पाए हैं. आरटीई (RTE) पंजीयन मार्च में ही प्रारंभ कर दिया गया था लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण अगस्त तक इसके लिए आवेदन मंगाए गए थे. 4 अगस्त को आरटीई के लिए प्रदेश में आवेदन प्रक्रिया समाप्त हुई थी. इसके बाद प्रथम पखवाड़े तक पहली सूची निकालने निर्देशित किया गया था. कई जिलों में दस्तावेज सत्यापन (Document Verification) में देरी के कारण पहली सूची वक्त पर नहीं निकल पाई थी.
अफसरों का दावा, हो रहा एडमिशन
वहीं, राजधानी के अलावा कई जिलों में भी देरी से लॉटरी निकाली गई. इस सूची में जिन छात्रों के नाम आए थे, उन्हें अगस्त तक प्रवेश लेने के लिए कहा गया था लेकिन छात्रों द्वारा अब तक संबंधित स्कूल में दाखिला नहीं लिया जा सका है. जिला शिक्षा अधिकारी (District Education Officer) एन एन बंजारा ने बताया कि RTE के तहत एडमिशन (Admission Under RTE) हो रहे हैं. जिन लोगों के दस्तावेज जमा नहीं हुए, उन्हें एडमिशन नहीं मिला है. निजी स्कूल आरटीई के तहत प्रवेश प्राप्त छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं लगाने की तैयारी में हैं.