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छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र 2022: डीएमएफ में अनियमितता का मामला सदन में गूंजा

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र की मंगलवार की कार्यवाही की शुरुआत भी हंगामेदार रही. सदन में शिक्षक भर्ती का मुद्दा गूंजा. नि:शुल्क नर्सिंग प्रशिक्षण योजना पर मोहन मरकाम मंत्री के जवाब से असंतुष्ट नजर आए. वहीं सत्यनारायण शर्मा ने RI, पटवारी को कंप्यूटर नहीं मिलने का मुद्दा उठाया.

Chhattisgarh Vidhan Sabha Monsoon Session 2022
छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र की मंगलवार की कार्यवाही

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Published : Jul 26, 2022, 1:13 PM IST

Updated : Jul 26, 2022, 2:20 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर हंगामा बरपा. अजय चंद्राकर और शिक्षा मंत्री के बीच तीखी बहस हुई. सदन में बस्तर संभाग के महाविद्यालयों में संचालित नि:शुल्क नर्सिंग प्रशिक्षण योजना का मामला भी उठा. (Chhattisgarh Vidhan Sabha Monsoon Session 2022 )

कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने पूछा पिछले 3 वित्तीय वर्ष में कितने विद्यार्थियों को नर्सिंग प्रशिक्षण में प्रवेश दिया गया? जवाब में आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि पिछले 3 साल में 95 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है, जिसमें अनुसूचित जाति वर्ग के 17 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 78 विद्यार्थी हैं. मोहन मरकाम ने कहा, राशि के प्रावधान होने के बावजूद छात्राओं को यथोचित लाभ नहीं मिल रहा.

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र की मंगलवार की कार्यवाही

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अजय चंद्राकर ने घेरा:अजय चंद्राकर ने कहा, यह दिन आ गया है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को प्रश्न करना पड़ रहा है. मोहन मरकाम ने कहा, सरकार अच्छा काम कर रही है, लेकिन विभाग की उदासीनता के कारण बस्तर के बच्चों को लाभ नहीं मिल रहा है. 400 से अधिक बच्चों को लाभ मिलना था, लेकिन महज 95 बच्चों को लाभ मिला, जबकि राशि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. मंत्री ने कहा, योजना पूरे प्रदेश के 400 बच्चों के लिए है. इसमें बस्तर से संबंधित सवाल के आधार पर जवाब दिया गया है.

आसंदी ने कहा, मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम विधायक मोहन मरकाम को संतुष्ट क्यों नहीं कर पा रहें हैं. विधायक धर्मजीत ने कहा, मोहन मरकाम लगातार राम राज आने की बात कह रहें हैं, लेकिन सवाल से पता चल रहा है कि हालात कुछ और हैं. आसंदी ने निर्देशित किया कि विधायक मरकाम मंत्री के कक्ष में जाकर पूरे मामले पर चर्चा कर लें, मंत्री उनको संतुष्ट कर दें.

RI, पटवारी को कंप्यूटर न मिलने का मुद्दा गूंजा: कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा ने पूछा कि RI, पटवारी को अब तक कम्प्यूटर क्यों नही दिया जा रहा है,काम कैसे हो रहा है ? मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि 2017 में सभी तहसीलों में 5 -5 कम्प्यूटर दिए हैं, जिसे बाद में वापस ले लिया गया था. जल्द ही कंप्यूटर दे दिए जाएंगे.

प्रदेश में ठगी के मामले में निरंतर वृद्धि पर गृहमंत्री का ध्यानाकर्षण: विधायक अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, प्रमोद कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से प्रदेश में ठगी के मामले में निरंतर वृद्धि पर गृहमंत्री काध्यानाकर्षण लाया. सदन में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की अनुपस्थिति पर भाजपा ने सवाल किया. कहा- जानबूझकर अनुपस्थिति का मामला बनाया जा रहा. यदि हस्ताक्षर कर सकते हैं तो उपस्थित क्यों नहीं होते. आसंदी ने कहा - स्वास्थ्यगत कारणों के चलते लिखित अनुरोध किया है कि वे उपस्थित नहीं रह सकते.

जांजगीर चांपा में डीएमएफ में अनियमितता का मामला सदन में उठा:बीजेपी विधायक सौरभ सिंह, नारायण चंदेल और शिवरतन शर्मा ने डीएमएफ में अनियमितता का मामला उठाया. सौरभ सिंह ने कहा- आठ करोड़ की राशि का भुगतान सिंगल कोटेशन के आधार पर कर दिया गया. सप्लायर ने मशीनों की सप्लाई भी कर दी. केंद्र का नियम है कि जेम पोर्टल से ही खरीदी होगी. जबकि नियमों को दरकिनार कर दिया गया. नियम कहता है कि शासी समिति की सिफारिश के के बगैर खरीदी नहीं हो सकती. लेकिन बिना शासी परिषद की सिफारिश के खरीदी की गई. 2018-19 के बाद अब तक ऑडिट भी नहीं किया गया है. तीन वित्तीय वर्ष में स्वीकृत कार्यों में अधिकांश पूर्ण नहीं हुए हैं. दो वित्तीय वर्ष में केवल प्रशिक्षण में ही 23 करोड़ रुपए खर्च किए गए. काग़ज़ों पर यह राशि खर्च कर दी गई है. रक़म की बंदरबांट हुई है.

इस पर सीएम भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा- " जांजगीर में हर साल सौ करोड़ से ज्यादा राशि डीएमएफ से मिलती है. शासी परिषद के अनुमोदन से राशि खर्च की जाती है. पचास फ़ीसदी राशि खर्च करने की बात सही नहीं है. महज 28 फीसदी राशि खर्च हुई है. कलेक्टर के तबादले के बाद 30 करोड़ रुपये की खरीदी किए जाने की बात सही नहीं है. केवल दस करोड़ रुपए की खरीदी के आदेश जारी किए गए. 21 करोड़ रुपये के काम को निरस्त किया गया है. शासी परिषद की बैठक में इन कामों का अनुमोदन किया जाएगा. 28 जून 2022 को बीज निगम को प्रदायगी आदेश जारी किया गया था. मिनी राइस मशीन समेत अन्य मशीन की उपलब्धता की वजह से मशीनों की सप्लाई हुई. पिछले वर्ष की ब्याज राशि से किसी भी तरह के काम का अनुमोदन नहीं किया गया है. पिछले तीन वित्तीय वर्ष में 1833 कार्यों की स्वीकृति हुई है जिसमें से 1200 से ज़्यादा कार्य हो चुके हैं. छह सौ से ज्यादा काम प्रगति में हैं.

बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने पूछा-डीएमएफ का ये मामला पूरे प्रदेश का है. कोरोना काल के समय भी कलेक्टर ने डीएमएफ मद से वेंटिलेटर खरीद लिया था. कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव और अरुण वोरा ने चंदेल के उठाए मुद्दों पर आपत्ति जताई. कहा- पिछली सरकार में डीएमएफ की राशि से स्विमिंग पूल बनाए गए. लिफ्ट भी लगवाए गए. नारायण चंदेल ने कहा कि डीएमएफ की वेबसाइट पर कामों के डिटेल्स नहीं डाले गए हैं.

कहीं भी गलत हुआ होगा तो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि- मेरी जानकारी में वेबसाइट में जानकारी दी गई है. इसकी लिखित जानकारी मेरे पास है. यदि ये जानकारी गलत होगी तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं भी गलत हुआ होगा तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्हें छोड़ने का काम हम नहीं करेंगे.

Last Updated : Jul 26, 2022, 2:20 PM IST

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