रायपुर: छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन सोमवार 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल करने वाले हैं. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रमुख मांगों में केंद्र के समान महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता के साथ ही अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग है. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन 29 जून को अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय प्रदर्शन करने के बाद 25 जुलाई से 29 जुलाई तक 5 दिनों का हड़ताल किया था. जिसके कारण प्रदेश के सभी सरकारी विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप और बंद हो गया था.
Chhattisgarh Staff Officers Federation strike
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की हड़ताल छत्तीसगढ़ में महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग: छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को वर्तमान में राज्य सरकार की तरफ से 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा था. 16 अगस्त को सरकार ने प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का 6 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र के समान 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता चाहिए. छत्तीसगढ़ के कर्मचारी और अधिकारियों को छठवां वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के कर्मचारी और अधिकारी केंद्र के समान सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा भत्ता की मांग कर रहे हैं.
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6 प्रतिशत कम मिल रहा महंगाई भत्ता:छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का ने बताया "केंद्र के समान महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के आधार पर उन्हें गृह भाड़ा भत्ता दिया जाए. वर्तमान में केंद्र सरकार 34 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है जबकि राज्य सरकार 22 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता कर्मचारी और अधिकारियों को दे रही हैं. राज्य सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों को 6% महंगाई भत्ता कम दिया जा रहा है. "
राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों के साथ भेदभाव: शिक्षक संघ की महामंत्री गंगा शरण पासे का कहना है कि "केंद्र के अधिकारी और कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता ज्यादा दिया जा रहा है. लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारी और अधिकारी को कम मिल रहा है. जिस तरह से केंद्र सरकार के अधिकारी और कर्मचारियों को 25 प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जा रहा है उसी तरह राज्य के कर्मचारी और अधिकारियों को गृह भाड़ा भत्ता मिलना चाहिए. "