रायपुर: छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार नगर निगम की सामान्य सभा में राज्यपाल ने शिरकत की. यह ऐतिहासिक क्षण रायपुर नगर निगम मुख्यालय में 15 मार्च को आया. करीब 12:30 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके रायपुर नगर निगम पहुंचीं. महापौर एजाज ढेबर ने उनका स्वागत किया. वरिष्ठ विधायक सत्य नारायण शर्मा ने भी राज्यपाल का स्वागत किया. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा ''महापौर सभापति सहित सभी को मेरे स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूं. मैंने व्हाइट हाउस (रायपुर नगर निगम ऑफिस) का बहुत नाम सुना था. मैंने व्हाइट हॉउस देखने की इच्छा व्यक्त की थी और आज ये देखने का मौका मिला. छात्र राजनीति का मुझे अनुभव है. पार्षद बनने का कभी सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ. मुझे एक जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी पार्षदों से भी कहना चाहूंगी कि जनप्रतिनिधि से जनता की बहुत अपेक्षा रहती है. उस अपेक्षा के अनुरूप सभी काम करें.'' (Anusuiya Uikey in general body meeting Raipur Corporation)
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छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कहा कि ''लोगों से जुड़ाव बहुत आवश्यक है. रायपुर नगर निगम का एक गौरवशाली इतिहास रहा है. बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से शुरुआत कर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है. कोरोना काल में निगम के अधिकारी-कर्मचारी और जनप्रतिनिधि ने बहुत ही बेहतर काम किया है. लोगों की हर संभव मदद की गई. निगम के सभी अधिकारी-कर्मचारी इसके लिए बधाई के पात्र हैं. रायपुर को स्वच्छ सुंदर बनाने के लिए निगम की अहम भूमिका रही है.''
राज्यपाल ने साझा किये अपने अनुभव
राज्यपाल अनुसुइया उइके ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए. उन्होंने कहा मुझे ग्राम पंचायत और नगर निगम का अनुभव नहीं है, लेकिन मुझे छात्र राजनीति का अनुभव रहा है. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने तीन साल कॉलेज में पढ़ाया. फिर 26 साल की उम्र में पहली बार विधायक बनी. मैं जिस क्षेत्र से आती थी, वहां ट्राइबल बहुत पिछड़े थे. बजट में प्रावधान होता है, लेकिन उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था. मैं रूलिंग पार्टी की विधायक थी. जनता के मुद्दे उठाने के लिए मैं सत्ता पक्ष-विपक्ष का भी ध्यान नहीं देती थी. यही कारण है कि विपक्ष के लोग मुझे कहते थे कि तुम विपक्ष में आ जाओ. इसी का नतीजा रहा कि मुझे जागरूक विधायक का सम्मान भी मिला. मैं सभी जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा रखती हूं कि वह भी इस तरह से कार्य करें और जनता मुद्दों को लेकर हमेशा कार्य करें.
नगरीय निकाय और ग्राम पंचायत लोकतंत्र की प्राथमिक शाला