रायपुर : छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आने के बाद से गोबर का महत्व बढ़ गया (importance of cow dung increased) है. अब गोबर से कई तरह की चीजें बनाई जा रही हैं. खासकर मुख्यमंत्री द्वारा गोबर का ब्रीफकेस (cow dung briefcase) लेकर विधानसभा पहुंचने और बजट पेश करने के बाद से तो गोबर से बनी चीजों की मांग पूरे देश में होने लगी है. अब तक गोबर से बने दीये, चप्पल, टाइल्स, गुलाल समेत अन्य चीजों की मांग थी. अब गोबर से बने ब्रीफकेस की मांग भी देश के अलग-अलग हिस्सों से होने लगी है.
सीएम भूपेश बघेल ने विधानसभा में गोबर के ब्रीफकेस के साथ पहुंचने के बाद अब रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर भी गोबर का ब्रीफकेस लेकर निगम का बजट पेश करने पहुंचे. आज हम आपको बताएंगे कि गोबर से ब्रीफकेस बनाने की अनोखी पहल किसने की? और कैसे बनाया गया है यह ब्रीफकेस. यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम उस महिला स्व सहायता समूह के पास पहुंची, जिन्होंने सबसे पहले इसे ईजाद किया और जिसकी चर्चा अब देशभर में हो रही है.
कैसे मिली गोबर के ब्रीफकेस की प्रेरणा ?
राजधानी रायपुर के संतोषी नगर स्थित गोठान (Gothan located in Santoshi Nagar, Raipur) में एक पहल महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं गोबर से ब्रीफकेस बनाने का काम कर रहीं हैं. इससे पहले यह महिलाएं गोबर से गुलाल, मूर्ति, चप्पल और गोबर की लकड़ी बनाने का काम कर चुकी है. समिति के अध्यक्ष नीलम अग्रवाल ने बताया कि पिछला बजट मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जूट के ब्रीफकेस से पेश किया.उसके बाद मन में ख्याल आया कि क्यों न गोबर से ब्रीफकेस बनाया जाए. बजट से पहले हम लोगों ने गोबर से ब्रीफकेस बनाने का काम शुरू किया (Started the work of making suitcases from cow dung). उसी ब्रीफकेस को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने 9 मार्च को विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया. उसके बाद से गोबर के ब्रीफकेस के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं.
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