रायपुर: छत्तीसगढ़ में अंतर्राज्यीय मानव तस्करी मामले में भारतीय जनता पार्टी की पदाधिकारी रही गंगा पांडेय का कनेक्शन सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत गरमा गई है. गंगा पांडेय राजधानी के पंडरी इलाके से गिरफ्तार की गई है. पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आते ही मामला गंभीर हो गया है. पहले जहां इस मामले में भाजपा हमलावर थी अब सरकार के सवाल तीखे हो गए हैं.
मानव तस्करी का पॉलिटिकल कनेक्शन ! भाजपा ने गंगा पांडेय को निलंबित तो कर दिया लेकिन बयानबाजी ने जोर पकड़ लिया है. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि दोषी चाहे जो हों बख्शे नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह बड़ा अपराध है इस तरह के अपराध छत्तीसगढ़ में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. चौबे ने कहा कि रमन सिंह ने घटना की न्यायिक जांच की मांग की थी, तो सवाल ये है कि भाजपा के पदाधिकारियों की उस में संलिप्तता क्यों पाई गई है.
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क्या है पूरा मामला ?
डोंगरगढ़ पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था. गंगा पांडेय मानव तस्करी गैंग की लोकल मददगार थी. इसके जरिए राज्य की महिलाओं की तस्करी करवा कर अपने गैंग के जरिए दूसरे राज्यों में भेजती थी. डोंगरगढ़ पुलिस पिछले कई दिनों से गंगा पांडे की तलाश में जुटी थी.
डोंगरगढ़ की 21 वर्षीय विवाहित महिला की गुमशुदगी की पड़ताल के बाद पता चला था कि उसे हरियाणा में भेज दिया गया था. पीड़ित महिला को पुलिस ने सकुशल हरियाणा से लगी राजस्थान सीमा से बरामद किया था इसके बाद राज्य में चल रहे मानव तस्करी के गोरखधंधे का खुलासा हुआ था. इस महिला ने ही पुलिस की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं इसके बाद पुलिस के भी होश उड़ गए हैं.
'राजनीति से ऊपर उठकर हो कार्रवाई'
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कहते हैं कि इस तरह के गंभीर मामलों में चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़े हुए लोग हो सख्त कार्रवाई की जरूरत है. ऐसे लोगों पर सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर कार्रवाई करने की जरूरत है. इस मानसिकता के लोगों का कोई पक्ष नहीं ले सकता है.
आरोप-प्रत्यारोप
इससे पहले पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के शासनकाल में 50 हजार से ज्यादा अपराध दर्ज हुए हैं. वहीं धरमलाल कौशिक ने ईटीवी भारत से कहा था कि सरकार 15 साल की रट लगाए बैठी है. कांग्रेस भूल गई कि वो सत्ता में है, विपक्ष में नहीं. सरकार जवाबदेही से बच रही है.
इस मामले को लेकर ETV भारत ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बात की है तो यह बात सामने निकल कर आ रही है कि छत्तीसगढ़ में ना केवल अभी से बल्कि पिछले कई सालों से लगातार मानव तस्करी का काम होता रहा है. इसे लेकर समय-समय पर विधानसभा में भी सवाल उठते रहे हैं लेकिन इस पर गंभीर कार्रवाई नहीं हो पाई है. सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडे ने कहा है कि इस तरह के मामलों को लेकर राजनीतिक दबाव से ऊपर उठकर कार्रवाई की जरूरत है.
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लौटकर आई महिला के खुलासे के बाद ये बात और गंभीरता से चर्चा में है कि पिछले कई सालों से मानव तस्करी का एक बड़ा संगठन छत्तीसगढ़ राजस्थान और हरियाणा से गरीब मजदूरों को काम के बहाने अच्छी जगह शादी कराने का लालच देकर गैंग के हवाले कर देता था.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंधोपाध्याय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लंबे समय से पूरे रैकेट के साथ मानव तस्करी का काम किया जा रहा है. इसे लेकर वे खुद समय-समय पर तमाम जानकारियां सार्वजनिक करते रहे हैं.
उत्तरी छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर मानव तस्करी
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम बंधोपाध्याय कहते हैं कि पहले उत्तरी छत्तीसगढ़ जिसमें जशपुर, मुंगेली और सरगुजा जैसे इलाकों में बड़े पैमाने पर तस्करी का काम किया जाता रहा है, अब दक्षिण छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रहा है. यहां की महिलाओं को देश के उत्तरी राज्यों में बड़े पैमाने पर तस्करी के माध्यम से पहुंचाया जाता रहा है. अब दक्षिण छत्तीसगढ़ से भी यह सारी चीजें शुरू हो गई हैं. जिस तरह से अब डोंगरगढ़ जो कि छत्तीसगढ़ के दक्षिणी इलाके और महाराष्ट्र बॉर्डर में पड़ता है, यहां से भी तस्करी का मामला खुला है. इससे यह बात साफ हो चुकी है कि दक्षिण छत्तीसगढ़ से भी बड़े पैमाने पर तस्करी का काम किया जा रहा है. और इसमें राजनीतिक संलिप्तता भी है.
छत्तीसगढ़ फैक्ट फाइल-
- छत्तीसगढ़ में हर दिन औसतन 27 लोग लापता हो रहे हैं.
- रायपुर से हर दिन 4 लोग लापता होते हैं.
- पिछले साल रायपुर से 1700 लोग लापता हुए, 485 लोगों का पता नहीं चल पाया है.
- रायपुर के अलावा सर्वाधिक लापता लोगों की संख्या दुर्ग जिले की है.
- दुर्ग में पिछले साल 1200 लोग लापता हुए थे.
- छत्तीसगढ़ की बात करें तो पिछले साल 9800 लोग लापता हुए हैं, इनमें से 2800 लोगों पता नहीं चला है.
छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी के मामलों को लेकर भाजपा सरकार पर हमलावर तो थी लेकिन पार्टी की ही नेता का नाम सामने आ गया. अब सरकार इस मुद्दे पर हावी हो रही है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात के साथ पूर्व की सरकार पर आरोप मढ़ रही है. इंसाफ और घर लौटने का इंतजार तो मानव तस्करी का शिकार हुए लोगों को है.