रायपुर :वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सदन में बजट पेश किया. बजट को लेकर कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. कांग्रेस ने इसे कृषि को नुकसान पहुंचाने वाला बजट बताया है. कांग्रेस ने सवाल किया है कि 'प्रधानमंत्री बस इतना बताएं कि किसानों की आय कितनी बढ़ी है. किसानों की आय दोगुना करने की बात 6 साल पहले कही गई थी. सरकार ने इन आंकड़ों को बजट में नहीं बताया है.'
कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि 'इस बजट से किसान उम्मीद लगाए बैठा था. खेती और किसान की अनदेखी जारी है. सरकार ने कृषि बजट 1.54 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 1.48 लाख करोड़ रुपए कर दिया है. इस बजट में 6 हजार करोड़ की कटौती की गई है.' उन्होंने कहा कि 'अगर इस तरह कटौती की जाएगी तो देश के किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा.'
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प्रधानमंत्री किसान सम्मान का बजट 13 फीसदी घटाया
चंद्रशेखर शुक्ला ने कहा कि किसान सम्मान निधि में पिछले साल की तुलना में सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए की कटौती की है. पिछले बजट में किसान सम्मान निधि योजना के लिए 75 हजार करोड़ रुपए आबंटित किए गए थे, लेकिन इस साल यह घटकर 65 हजार करोड़ रुपए रह गया है.
मार्केट इंटवेंशन स्कीम ( MIS-PSS) का बजट 25 फीसदी घटाया
कांग्रेस ने कहा कि सरकार यह प्रयास करती है कि मार्केट में किसानों के फसल का दाम बढ़े. इसके लिए पिछले साल 2 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया था, लेकिन इसमें से सरकार एक हजार करोड़ भी खर्च नहीं कर पाई थी. सरकार ने इस बजट को इस बार घटाकर 1500 करोड़ रुपए कर दिया है.
'सरकार के सारे वादे झूठे'
कांग्रेस मीडिया संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की किसानों से नफरत इस बजट में साफ दिखाई देती है. कृषि और किसानों को आगे ले जाने वाले सारे वादे झूठे हैं. इस बजट में ना कृषि उपकरण पर जीएसटी खत्म किया गया और ना ही डीजल की कीमत कम की गई. किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं लाई गई है. जिसमें यह देखें कि किसानों की आय दोगुनी करने को सरकार प्रतिबद्ध है. कृषि सेस के रूप में सरकार आम जनता से टैक्स वसूली करेगी, लेकिन इसका इस्तेमाल कैसे करेगी सरकार ने इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की है.
सरकार फसलों को ऑपरेशन ग्रीन से जोड़ रही है, लेकिन किसानों तक इसका फायदा कैसे पहुंचेगा. इसे लेकर कोई नीति नजर नहीं आ रही है. समय पर बैंक का कर्ज लौटाने वाले किसानों को तोहफा देना चाहिए था, लेकिन इस बजट में किसानों का ध्यान नहीं रखा गया है.