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छत्तीसगढ़ में महिला आरक्षण को लेकर राजनीतिक पारा गरमाया

Bjp Mahila Morcha allegation on Congress प्रदेश में महिला आरक्षण को लेकर राजनीतिक पारा गरमाते जा रहा है. भाजपा महिला मोर्चा महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने की मांग कर रही है. भाजपा महिला मोर्चा ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार ने 33% महिलाओं के आरक्षण पर चुप्पी साध रखी है.

Bjp Mahila Morcha allegation on Congress
महिला आरक्षण को लेकर राजनीतिक पारा गरमाया

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Published : Oct 4, 2022, 4:32 PM IST

Updated : Oct 4, 2022, 7:11 PM IST

रायपुर:विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस लगातार महिलाओं को 33% आरक्षण दिए जाने की मांग करती रही है. आरक्षण सभी क्षेत्रों में दिया जाए, इसे लेकर लगातार वह सरकार पर दबाव बनाती रही. लेकिन सत्ता पर काबिज होने के बाद न तो कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया और ना ही इस विषय पर किसी तरह की कोई (Congress maintains silence on women reservation) चर्चा की. ऐसे में अब महिलाओं के 33% आरक्षण का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. Bjp Mahila Morcha allegation on Congress

महिला आरक्षण को लेकर राजनीतिक पारा गरमाया
महिला आरक्षण को लेकर राज्य सरकार को घेरा: भाजपा महिला मोर्चा अब इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है. भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत का सीधा आरोप है कि "विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस के द्वारा लगातार 33% महिलाओं को आरक्षण दिए जाने की बात कही गई. लेकिन सत्ता में आने के बाद अब कांग्रेस सरकार ने 33% महिलाओं के आरक्षण पर चुप्पी साध रखी है."

आरक्षण मामले में क्यों मौन है कांग्रेस सरकार: शालिनी का कहना है कि "हर मामले में राज्य सरकार छत्तीसगढ़ को रोल मॉडल बताती है. लेकिन 33% महिलाओं के आरक्षण मामले में आखिर क्यों कांग्रेस सरकार रोल मॉडल प्रस्तुत नहीं कर रही है. शालिनी राजपूत का कहना है कि "जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तो उस दौरान कई क्षेत्रों में महिलाओं को 50% तक प्राथमिकता दी गई. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार के द्वारा महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया गया."

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"कांग्रेस ने महिलाओं को हमेशा आगे बढ़ाया": छग महिला कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत का कहना है कि "कांग्रेस के द्वारा लगातार महिलाओं को आगे बढ़ाया गया है. एक समय था जब महिलाएं घर से बाहर नहीं आती थी. उस दौरान कांग्रेस ने महिलाओं को घर से बाहर लाने और उन को आगे बढ़ाने में सहयोग किया. महिलाओं को वोट देने का अधिकार कांग्रेस के द्वारा दिया गया. ऐसे में भाजपा को चाहिए कि दूसरों पर उंगली उठाने के पहले खुद को देखें."

बढ़ती महंगाई पर चुप क्यों है भाजपा महिला मोर्चा: वंदना राजपूत का कहना है कि "आज भारतीय जनता पार्टी के द्वारा महिलाओं के लिए क्या किया गया है. लगातार महंगाई बढ़ रही है. इसे रोकने के लिए आज तक भाजपा महिला मोर्चा की ओर से क्यों आवाज नहीं उठाई गई. यूपीए सरकार के समय गैस के दाम 410 रुपये था, जो आज 1170 रुपये पहुंच गया. ₹24 लीटर का दूध आज ₹60 लीटर बिक रहा है. बढ़ती महंगाई की वजह से लोग परेशान हैं. इस पर भाजपा महिला मोर्चा क्यों नहीं बोल रही है. एक समय भाजपा महिलाओं के द्वारा महंगाई को डायन कहा जाता था, तो आज क्या महंगाई इनकी मौसी हो गई है. जिसे रोकने भाजपा के द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. जबकि केंद्र में भाजपा की सरकार है."

90 में से 22 सीटों पर महिलाओं का दबदबा:छत्तीसगढ़ में महिला और पुरुष वोटर की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. यही वजह है कि कांग्रेस ने महिलाओं को साधने की रणनीति बनाई है. छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा की सीटों में 22 ऐसी सीट है, जहां महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है. इन 22 सीटों में से 19 सीटें कांग्रेस के पास है.

पुरुषों के बराबर ही प्रदेश में महिलाओं की है जनसंख्या: 2020 के अनुमानित जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ में 3 करोड़ 21 लाख 99 हजार 722 लोग हैं. जिसमें अनुमानित महिलाओं की जनसंख्या 1 करोड़ 60 लाख 27 हजार 84 है. प्रदेश में होने वाले चुनाव में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. यही वजह है कि 2023 विधानसभा चुनाव में सभी पार्टी अब महिलाओं को साधने में जुटी है.

आइए जानते कि महिला और पुरुष वोटरों की प्रदेश में कितनी संख्या है:

2003 विधानसभा चुनाव में वोटर:

• कुल - 1.35 करोड़
• पुरुष - 68.11 लाख
• महिला - 67.32 लाख

2018 विधानसभा चुनाव में वोटर:

• कुल - 1.89 करोड़
• पुरुष - 94.77 लाख
• महिला - 94.38 लाख

15 सीटों पर है महिला विधायकों का कब्जा:प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में 15 सीटों पर महिलाएं काबिज हैं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 90 सीट में से 13 सीटें महिलाओं ने जीतीं हैं. इसके बाद प्रदेश में हुए दो उप चुनाव में कांग्रेस से जीत हासिल कर देवती कर्मा और यशोदा वर्मा भी विधानसभा में पहुंची. इन 15 महिला विधायकों में 12 विधायक कांग्रेस के है. वहीं भाजपा, बहुजन समाज पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से एक एक महिला विधायक हैं. भाजपा से रंजना साहू, बसपा से हिंदू बंजारे और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से रेणु जोगी विधायक हैं.

एक महिला विधायक हैं मंत्री:कांग्रेस के 12 महिला विधायकों में से एक महिला विधायक को मंत्री बनाया गया है. मंत्री बनने वाली महिला विधायक का नाम अनिला भेड़िया है. जो डौडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वर्तमान में वे महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रभार देख रही हैं.

संसदीय सचिव के पद पर काबिज है तीन महिला विधायक:प्रदेश की तीन महिला विधायक संसदीय सचिव का दायित्व निभा रही हैं. इनमें राजपरिवार से आने वाली बैकुंठपुर विधायक अम्बिका सिंहदेव पीएचई विभाग के संसदीय सचिव हैं. कसडोल विधायक शकुंतला साहू कृषि पशुपालन विभाग में संसदीय सचिव हैं. तखतपुर विधायक रश्मि सिंह ठाकुर संसदीय सचिव हैं.

11 में से 3 लोकसभा सीटों पर है महिला सांसदों का कब्जा:छत्तीसगढ़ लोकसभा में कुल 11 सीटें हैं. जिसमें से 3 सीटों पर महिलाओं का कब्जा है. इन 3 सीटों में से दो भाजपा और एक कांग्रेस के पास है.

5 राज्यसभा सीटों में से 3 पर महिला सांसद काबिज: राज्यसभा सीटों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल 5 राज्यसभा सीटें हैं. जिसमें से वर्तमान में 3 सीटों पर महिला सांसदों का कब्जा है. इन 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और एक पर भाजपा सांसद काबिज हैं.

Last Updated : Oct 4, 2022, 7:11 PM IST

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