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रायपुर में कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण से बढ़ेगा पर्यटन

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Published : Oct 7, 2021, 9:06 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 11:03 PM IST

रायपुर से लगे चंदखुरी कौशल्या माता मंदिर (Chandkhuri Kaushalya Mata Temple) का आज सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने लोकार्पण (launch) किया. लोकार्पण के कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल सहित मंत्रिमंडल के सभी मंत्री (all cabinet ministers) मौजूद रहे. पूरे विश्व में एकलौता कौशल्या माता मंदिर (The only Kaushalya Mata Temple) छत्तीसगढ़ के रायपुर से लगे चंदखुरी में स्थित है. जिसे 1 साल में 16 करोड़ की लागत से कौशल्या माता मंदिर का सौंदर्यीकरण (Beautification of Kaushalya Mata Temple) किया गया है. यहां पर्यटकों का आवागमन (tourist traffic) शुरू हो गया है.

Beautification of Kaushalya Mata Temple
कौशल्या माता मंदिर का सौंदर्यीकरण

रायपुरःरायपुर से लगे चंदखुरी कौशल्या माता मंदिर (Chandkhuri Kaushalya Mata Temple) का आज सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने लोकार्पण (launch) किया. लोकार्पण के कार्यक्रम में सीएम भूपेश बघेल सहित मंत्रिमंडल के सभी मंत्री (all cabinet ministers) मौजूद रहे. पूरे विश्व में एकलौता कौशल्या माता मंदिर (The only Kaushalya Mata Temple) छत्तीसगढ़ के रायपुर से लगे चंदखुरी में स्थित है. जिसे 1 साल में 16 करोड़ की लागत से कौशल्या माता मंदिर का सौंदर्यीकरण (Beautification of Kaushalya Mata Temple) किया गया है.

रायपुर में कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण से बढ़ेगा पर्यटन

कौशल्या माता मंदिर के सौंदर्यीकरण से यहां का पर्यटन भी डेवलप होगा (tourism will develop). वहीं, दूसरे राज्यों से भी लोग यहां पर घूमने आएंगे. जिससे यहां के लोगों को भी रोजगार मिलेगा. मान्यता है कि यह कभी दक्षिण कौशल की राजनगरी हुआ करता था. यही जगत माता कौशल्या का मायका होने से भगवान श्रीराम का ननिहाल माना जाता है. यहां कौशल्या माता का प्राचीन मंदिर है. वहीं, अभी सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हुआ है. मुख्य मंदिर को छोड़ कर आसपास के मंदिरों को बनाए गए हैं. वहीं, तालाब का भी सौंदर्यीकरण हुआ है.

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इको टूरिज्म स्पॉट की तर्ज पर होगा विकास

बता दें कि चंदखुरी की ही तरह राज्य सरकार ने बलोदा बाजार में तुरतुरिया स्थित वाल्मीकि आश्रम और शिवनीनारायण को भी संवारने की तैयारी की है. तुरतुरिया को इको टूरिज्म स्पॉट की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. माना जाता है कि पहाड़ियों से घिरे इस मनोरम स्थान पर ही लव कुश का जन्म हुआ था. यहां नारायणपुर के निकट बहने वाली महा नदी पर वाटर फ्रंट डेवलप किया जाएगा. इन स्थानों पर कॉटेज भी बनाए जाएंगे. शिवनीनारायण में श्रीराम ने माता शबरी के जूठे बेर खाए थे. यहां भी सौंदर्यीकरण और विकास की कार्य योजना तैयार किया गया है.

Last Updated : Oct 7, 2021, 11:03 PM IST

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