रायपुर:छत्तीसगढ़ शासकीय विभागों में सेवारत अधिकारियों पर आर्थिक अनियमितता, भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के अक्सर आरोप लगते रहे हैं. इन मामलों में कार्रवाई किए जाने के दावे भी शासन-प्रशासन से आए दिन किए जाते हैं. लेकिन सच यह है कि इन अधिकारियों पर शायद ही कभी किसी प्रकार का एक्शन लिया गया हो.
छत्तीसगढ़ में अफसरों पर करप्शन का आरोप लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कइयों पर आरोप
छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा अधिकारियों पर आर्थिक अनियमितता और दूसरी गड़बड़ी किए जाने का आरोप है. ईटीवी भारत को कुछ ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे यह पता चलता है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में कई अधिकारी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं. उन शिकायतों के बाद जांच की फाइल धूल फांक रही है. उनमें से कुछ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. कुछ के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में मामला दर्ज है.
भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद भी कई अधिकारी विभागों में ज्यों का त्यों बने हुए हैं. एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में दर्ज मामलों में कुछ पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार और कुछ मौजूदा कांग्रेस सरकार के बाद सामने आए. अनियमितता से संबंधित जिन अधिकारियों के खिलाफ जांच चल रही है, उसमें परिक्षेत्र रायपुर में पदस्थ प्रभारी प्रमुख अभियंता एके साहू के खिलाफ 2015 में विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे. यह आज तक पूरी नहीं हुई.
राजनांदगांव में भी सामने आ चुका है मामला
राजनांदगांव में प्रभारी कार्यपालन अभियंता आर के शर्मा के खिलाफ रायपुर के विशेष कोर्ट में फरवरी 2020 में पूर्व चालान प्रस्तुत किया जा चुका है. इसी तरह प्रभारी अधीक्षण अभियंता भीम सिंह, कार्यपालन अभियंता व्हीके उरमलिया, जगदीश कुमार, आई पी मंडावी, एम के मिश्रा, सहायक अभियंता जी एस रावत और ए एल शेख के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. कार्यपालन अभियंता आर के शर्मा के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज है. इसके अलावा कार्यपालन अभियंता सुरेंद्र कुमार चंद्रा, रिटायर्ड सहायक अभियंता पी एस नामदेव के खिलाफ एसीबी के अलावा विभागीय जांच चल रही है.
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खोखले साबित हुए कांग्रेस के दावे
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस जब विपक्ष में थी तो रमन सरकार पर भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने और कमीशनखोरी का आरोप लगाती रही है. अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि अभी भी समय है. अधिकारी सुधर जाएं, वरना सत्ता पर काबिज होते ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सत्ता परिवर्तन में कांग्रेस की सरकार आ गई. इन अधिकारियों पर न तो कोई कार्रवाई की गई और न ही इनके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन लिया गया.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के आरोपों को कोई गंभीरता से नहीं लेता. आजादी के बाद से ही लगातार कांग्रेस भ्रष्टाचार का समर्थन करती रही है. भ्रष्टाचारी और देश विरोधी गतिविधियों के पीछे कांग्रेस खड़ी नजर आती है. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि सिर्फ पीएचई नहीं, सभी सरकारी विभागों में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ लोगों ने कोर्ट में एक मामला लगाया है.
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कोर्ट तक पहुंच चुका है मामला
छत्तीसगढ़ में अनियमितता को लेकर कोर्ट में कहा गया है कि जिस अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप है, उसे पदोन्नति दी गई है. दागी अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर श्रीवास्तव ने कहा कि यह तो उनके संरक्षक हैं. इनके संरक्षण में यह सब काम हो रहे हैं. सरकार गलत और भ्रष्टाचारी लोगों को संरक्षण दे रही है. वह उन पर एक्शन कैसे ले सकती है. संजय ने कहा कि कांग्रेस का चेहरा सामने कुछ है और पर्दे के पीछे कुछ और होता है. इसलिए यह सरकार इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी.
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व की रमन सरकार में विभिन्न विभागों में पदस्थ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले ईओडब्लू में लंबित हैं. ऐसे में जब तक इन मामलों में जांच पूरी नहीं होती, आरोप सिद्ध नहीं होता, सरकारी नियम के अनुसार उन पर कार्रवाई नहीं हो सकती.
धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जब ईओडब्लू और संबंधित विभाग इन मामलों की जांच पूरी कर लेगा और आरोप सिद्ध हो जाएंगे, सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. बीजेपी को बताना चाहिए कि रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान ईओडब्लू में जितनी भी शिकायतें की गई थीं, उसमें 15 साल तक जांच पूरी क्यों नहीं की गई?