महासमुंद: यूरिया की कालाबाजारी रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 2015 में नीम कोटेड यूरिया की सप्लाई शुरू की थी. केंद्र सरकार की इस पहल से न सिर्फ किसानों का उत्पादन बढ़ा है, बल्कि उनके चेहरे भी खिल उठे. ये कहना गलत नहीं होगा कि सरकार की ये कोशिश किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.
महासमुंद के झाल खमरिया सोसाइटी के किसानों से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने नीम कोटेड यूरिया के संदर्भ में काफी रोचक जानकारी दी. किसानों ने बताया कि जब नीम कोटेड यूरिया नहीं आता था तो यूरिया की कालाबाजारी बड़े स्तर पर होती थी. इससे किसानों को सही समय और सही कीमत पर यूरिया नहीं मिल पाता था.
यूरिया की खपत में आई 5% से 10% की कमी
किसानों ने केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि नीम कोटेड यूरिया की सप्लाई शुरू होने के बाद यूरिया की खपत में 5% से 10% कमी आ गई है. इसके अलावा नीम लेपित यूरिया के संतुलित इस्तेमाल से यूरिया के औद्योगिक इस्तेमाल पर अंकुश लगेगा व पर्यावरण अनुकूल होगा.