कोरबा:इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 में बिजली के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को कोरबा में बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों ने विरोध-प्रदर्शन किया. बिल के विरोध में बिजली कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. कर्मचारी काली पट्टी लगाकर इस बिल का विरोध कर रहे हैं. कर्मचारियों के यूनियन का आरोप है कि सरकार कोरोना महामारी के बहाने बिल को पास कराना चाहती है, जो कि किसी भी स्तर पर उचित नहीं है.
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मंगलवार को कर्मचारी और इंजीनियर देशभर में विरोध प्रदर्शन और सभाएं कर रहे हैं. ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि नेशनल को-आर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉइज एन्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओ) के आह्वान पर पर देश भर में पॉवर सेक्टर में काम करने वाले तमाम 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर विरोध प्रदर्शन में सम्मिलित हुए हैं. उन्होंने बताया इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के मसौदे पर केंद्रीय विद्युत मंत्री के 3 जुलाई को राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ हुई मीटिंग में 11 प्रांतों और 2 केंद्र शासित प्रांतो ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के निजीकरण के मसौदे का जमकर विरोध किया था. परिणाम स्वरूप 3 जुलाई की मीटिंग में केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने यह घोषणा की कि राज्य सरकारों के विरोध को देखते हुए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के मसौदे में संशोधन किया जाएगा. लेकिन, राज्य के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक के डेढ़ माह बाद भी इलेक्ट्रिसिटी(अमेंडमेंट) बिल 2020 के संशोधित प्रारूप को विद्युत मंत्रालय ने अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है. केंद्र सरकार राज्यों पर दबाव डालकर निजीकरण का एजेंडा आगे बढ़ा रही है.
निजीकरण से नाराज बिजली कर्मचारी