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भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में क्यों खिलवा रहे पिट्ठुल - Pitthul refreshes childhood memories

Chhattisgarhia Olympics: छत्तीसगढ़ के हर गली मोहल्ले में अब बचपन दिखाई देने लगा है. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक शुरू होने से हर वर्ग के लोग समय निकाल कर बांटी, पिट्ठुल, कंचे, भौंरा खेलते हुए नजर आ रहे हैं. इससे एक तरफ जहां लोग वापस बचपन के दिनों में पहुंच रहे हैं तो दूसरी ओर तनाव भी कम हो रहा है.childhood memories in Chhattisgarhia Olympics

Pitthul refreshes childhood memories
पिट्ठुल ने किया बचपन की यादों को ताजा

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Published : Oct 11, 2022, 2:03 PM IST

Updated : Oct 11, 2022, 6:21 PM IST

कोरबा:छत्तीसगढ़ सरकार ने पारंपरिक खेलों को पुनर्स्थापित करने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की है. राजीव मितान क्लब के माध्यम से खेलों का आयोजन शुरू हो चुका है. जिसमे 14 खेल शामिल हैं. भौंरा, बांटी, गुल्ली डंडा, पिट्ठुल और सांखली सहित कुल 14 खेलों को उसमें शामिल किया गया है. सोमवार को ETV भारत की टीम ने कोरबा में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के आयोजन का जायजा लिया. कोरबा जिले के नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 59, विकास नगर में महिलाएं पिट्ठुल खेल रहीं थीं. जिसमें तीन-तीन महिलाओं की 2 टीमें आमने-सामने थीं. जिस टीम को हार मिली, उस टीम की महिलाओं ने भी कहा कि बचपन की यादें ताजा हो गई, हमने खूब एंजॉय किया.Pitthul refreshes childhood memories

पिट्ठुल ने किया बचपन की यादों को ताजा
ये हैं पिट्ठुल के नियम :पिट्ठुल छत्तीसगढ़ का एक पारंपरिक खेल है. जिसे दो दल मिलकर खेलते हैं. वर्तमान में जारी नियमावली के तहत एक टीम में 3 खिलाड़ी हो सकते हैं. इसे खेलने के लिए 5 या 7 पत्थर के टुकड़े और एक गेंद की जरूरत होती है. इसके बाद इन पत्थरों को 1 मीटर के गोले में एक के ऊपर एक रखकर जमा दिया जाता है. 2 मीटर दूर पर एक लकीर खींची जाती है. पहली टीम 2 मीटर दूर पर खींची लकीर की दूरी से गेंद के द्वारा पत्थरों को हिट करती है. इसके लिए प्रत्येक खिलाड़ी को तीन अवसर मिलते हैं. जिस टीम ने गेंद मारकर पत्थरों को गिराया है. अब उसे उन्हीं पत्थरों को एक के ऊपर एक वापस जमाना होगा. दूसरी टीम पत्थर जमाते हुए खिलाड़ी को गेंद से हिट करेगी, यदि पहली टीम पत्थरों को जमाने में कामयाब रहती है तो वह जीत जाती है. दूसरी टीम पत्थर से जमाते हुए खिलाड़ी को गेंद से हिट कर फ़ाउल करने में कामयाब रहती है. तो वह जीत जाते हैं. पत्थर जमाने और इसे जमाते हुए खिलाड़ी की पीठ पर गेंद मारकर फाउल करने के बीच के मुकाबले को ही पिट्ठुल कहा जाता है. इसके लिए दोनों टीमों को अंक मिलते हैं. ज्यादा अंक वाली टीम को अंतिम में विजेता घोषित किया जाता है.

Chhattisgarhia Olympics 2022: प्रदेश भर में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत

6 अक्टूबर से 6 जनवरी 2023 तक सभी ग्राम पंचायत स्तर से लेकर राज्यस्तरीय प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. ओलंपिक में दलीय एवं एकल श्रेणी में 14 तरह के पारम्पिक खेल शामिल किए गए हैं. जिनमें गिल्ली डंडा, पिट्टूल, लंगड़ी दौड़, बांटी (कंचा), बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा की प्रतियोगिता है. ये खेल छह स्तरों में आयोजित होंगे.

14 खेलों में जोर आजमा रहे खिलाड़ी : छत्तीसगढ़ियाओलंपिक में आयु वर्ग के तीन भागों में बांटा गया है. जिसमें पहला 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा 18 से 40 वर्ष की आयु तक वहीं तीसरा 40 वर्ष से अधिक आयु तक इस प्रतियोगिता में महिला और पुरुष दोनों वर्ग के प्रतिभागी होंगे.

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की समय-सारणी : छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर के आयोजन 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर 2022 तक हो रहे हैं. जोन स्तर का आयोजन 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक, विकासखंड स्तर पर 27 अक्टूबर से 10 नवंबर तक आयोजित किए जाएंगे. जिला स्तर पर 17 नवंबर से 26 नवंबर तक और संभागीय स्तर पर आयोजन 5 दिसंबर से 14 दिसंबर के बीच होगा. वहीं राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़ी ओलंपिक का अंतिम चरण 28 दिसंबर 2022 से 6 जनवरी 2023 तक आयोजित होगा. इस स्तरों के अनुसार इन खेल प्रतियोगिता के आयोजन किया जाएगा.

Last Updated : Oct 11, 2022, 6:21 PM IST

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