कोरबा:शहर के बीचों बीच मुड़ापार के पास मौजूद एसईसीएल के हेलीपैड के आसपास बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया था. जिस पर सोमवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है.दरअसल, अतिक्रमणधारियों ने हरे भरे पेड़ों के बीच ग्रीन बेल्ट में पक्का निर्माण कर लिया था. पेड़ों से रस्सी, साड़ी बांधकर और बांस बल्ली के सहारे भी अतिक्रमण का प्रयास लगातार जारी था. इसे लेकर स्थानीय पार्षद ने आंदोलन किया था.
कोरबा में अतिक्रमण मुक्त हुआ हेलीपैड का ग्रीन बेल्ट पेड़ों पर "मुझे बचाओ" पोस्टर चस्पा कर आंदोलन भी चलाया गया था. ढाई महीने पहले भी यहां अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था. लेकिन अतिक्रमणधारियों ने एक बार फिर से यहां कब्जा जमा लिया था. सोमवार को तीन बुलडोजर लगाकर प्रशासन ने बड़े पैमाने पर ग्रीन बेल्ट को अतिक्रमण मुक्त कराया है. इस दौरान प्रशासन की टीम सहित पुलिस बल भी बड़े पैमाने पर यहां तैनात रही.
58 लोगों को थमाया गया नोटिस: एसईसीएल के हेलीपैड में अतिक्रमण करने के लिए नगर पालिक निगम की ओर से सप्ताह भर पहले 58 लोगों को अतिक्रमण खाली करने का नोटिस जारी किया गया था. इस विषय में निगम के तोड़ू दस्ता प्रभारी योगेश राठौर ने बताया कि सप्ताह भर पहले 58 लोगों को नोटिस जारी किया गया था. लेकिन 50 से अधिक अज्ञात लोगों ने बांस, बल्ली, साड़ी, कपड़े और रस्सी बांधकर अतिक्रमण किया था. पेड़ों से रस्सी को बांधा गया था, जिसे मुक्त कराया गया है. दोबारा अतिक्रमण ना हो इसके लिए कई कार्ययोजना के सवाल पर तोड़ू दस्ता प्रभारी ने बताया कि इस ओर फेंसिंग करने का काम निगम द्वारा किया जाएगा.
करना पड़ा विरोध का सामना:मुड़ापार के एसईसीएल हेलीपैड में जिस स्थान पर अतिक्रमण खाली कराया गया है, वहां बड़े पैमाने पर सालों पहले वृक्षारोपण किया गया था. पेड़ों के बीच खाली स्थानों पर लोगों ने ईंट से मकान खड़े कर लिए हैं. तो कुछ अस्थाई झोपड़ीनुमा घर बनाकर यहां निवासरत हैं. प्रशासन की टीम जब मौके पर पहुंची तब नायब तहसीलदार सहित निगम और पुलिसकर्मियों को स्थानीय अतिक्रमणधारियों के विरोध का सामना करना पड़ा. कुछ महिलाएं बेहद आक्रोशित थी. जिनकी मांग थी कि, घर बनाते समय हमें रोकने कोई नहीं पहुंचा? कई लोगों ने अतिक्रमण किया है. अब हमारे मकानों को तोड़ा गया है. कार्रवाई में भेदभाव बरतने का आरोप भी महिलाओं ने लगाया.
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पेड़ों को काटे जाने की भी चर्चा:हेलीपैड में लंबे समय से अतिक्रमणधारी सक्रिय हैं. यहां लोगों द्वारा ग्रीन बेल्ट के पेड़ों को भी काटने की चर्चा रही. प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मामले को जांच का विषय बताया हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों में यह चर्चा जोरों पर थी कि कुछ समय पहले तक यहां घने वनों की तरह पेड़ थे. लेकिन अब बीच-बीच में स्थान खाली हैं. जहां अतिक्रमणधारियों ने अपना अस्थाई निवास बनाया है.
सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाया गया:प्रशासन की ओर से मौके पर मौजूद कार्यपालिक दंडाधिकारी और नायब तहसीलदार पंचराम सलामे ने बताया कि कार्रवाई में कोई भेदभाव नहीं किया गया है. यहां मौजूद सभी तरह के अतिक्रमण को हटाने के आदेश हैं, दोबारा अतिक्रमण ना हो इसके लिए निगम को पत्र लिखा जाएगा.