कवर्धा:ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व के विभिन्न प्रकार के 22 हजार 992 अलग-अलग प्रकरणों का त्वरित निराकरण कर कवर्धा जिला छत्तीसगढ़ में पहले स्थान पर है. कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में जिले में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ई-कोर्ट की शुरुआत की गई थी. इसके माध्यम से राजस्व विभाग के कार्यों का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरुआत की गई है.
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आम लोगों को ई-कोर्ट बनने से पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज सभी प्रकरणों की जानकारी लेने के लिए जिला और तहसील मुख्यालय आना पड़ता था. ई-कोर्ट की शुरुआत होने से संबंधितों के लिए राजस्व न्यायालय में प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती मिल रही है. साथ ही पक्षकारों को उनके प्रकरणो में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है. विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी भी ई-कोर्ट में उपलब्ध किए गए हैं. पक्षकारों को सुनवाई के बाद आगामी पेशी तारीख की सूचना मैसेज के माध्यम से दी जा रही है.
राजस्व ई-कोर्ट के मध्यम से मिलने वाली सुविधाएं
- राजस्व न्यायालय में कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक के सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं. प्रकरणों के पंजीयन से लेकर अंतिम निराकरण तक सारी कार्यवाही जैसे कि आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना एवं अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन करने या अपलोड करने का प्रावधान है.
- राजस्व न्यायालय में प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती प्रदान करने की व्यवस्था.
- पक्षकारों को उनके प्रकरणों में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराना.
- विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी उपलब्ध कराना.
- पक्षकारों को सुनवाई पश्चात आगामी पेशी तारीख की मैसेज के माध्यम से सूचना संप्रेषण का प्रावधान.
- प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध करने का प्रावधान.
प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला प्रशासन ने ई-कोर्ट में दर्ज प्रकरणों का निराकरण कर प्रदेश में पहला स्थान बना लिया है. जिला प्रशासन ने ई-कोर्ट के माध्यम से 22 हजार 992 प्रकरणों का निराकरण कर यह स्थान हासिल किया है. कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने बताया की राजस्व ई-कोर्ट में दर्ज सभी प्रकरणों ई-कोर्ट के माध्यम से शत-प्रतिशत निराकरण की कार्यवाही की जा रही है.