कवर्धा :धान का कटाेरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में धान की खेती करने वाले किसानों की मेहनत का अपमान जारी है. हर साल की तरह इस साल भी हजारों मीट्रिक टन धान बारिश में भीगने के कारण खराब हो चुका है. ऐसा ही मामला राज्य के कवर्धा जिले (Kawardha District) में आया है. यहां के ज्यादातर उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे धान के बोरों को रखा दिया गया है. वहीं बारिश में भीग जाने के कारण करीब 48 हजार मीट्रिक टन धान खराब हो चुका है. इस धान को खाकर अब चूहे अपनी सेहत बना रहे हैं.
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पांच माह बाद भी नहीं हुआ धान का उठाव
कबीरधाम जिले में 90 समिति अंतर्गत 94 धान उपार्जन केंद्र हैं. इन केंद्रों में 5 माह बाद भी धान का उठाव नहीं हो सका है. अभी भी 48 हजार मीट्रिक टन धान केंद्रों में जमा है. इनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण बड़ी मात्रा में धान खराब हो चुका है. बारिश और ओलावृष्टि (rain and hail) के कारण हजारों क्विंटल धान सड़ भी गया है. वहीं कटी-फटी बोरियों से अब तो धान के पौधे भी निकलने लगे हैं. इसके अलावा चूहों ने भी धान चट कर दिया है.