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जानिए बस्तर के गांवों का क्यों हुआ कायाकल्प ?

बस्तर जिले के 433 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय की शुरुआत की गई (Village Secretariat started in Bastar district) है. ग्राम सचिवालय के खुल जाने पर अब ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.

Village Secretariat started in Bastar district
जानिए बस्तर के गांवों का क्यों हुआ कायाकल्प

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Published : Jul 18, 2022, 4:01 PM IST

Updated : Jul 18, 2022, 4:17 PM IST

जगदलपुर : बस्तर के पंचायतों तक सीधी प्रशासनिक पहुंच के लिए बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने नई पहल शुरू की (Village Secretariat started in Bastar district) है. पंचायत अधिनियम के तहत अनिवार्य किए गए ग्राम सचिवालय अनिवार्य तौर पर शुरू किए जाएंगे. जिससे गांव में हर बुनियादी सुविधाएं लोगों को पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध हो (Basic facilities will be built in the villages of Bastar ) सकेंगी और उन्हें जनपद से लेकर जिला तक दौड़ लगाने की आवश्यकता नहीं (Rejuvenation of villages of Bastar )होगी.

ग्राम सचिवालय कैसे करेगा काम : प्रशासनिक कार्य में पारदर्शी रुख अपनाने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. जो पंचायतों के कामकाज पर निगरानी रखेंगे. साथ यह सुनिश्चित करेंगे कि सचिवालय नियमित तौर पर खोले जाएं. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन ने जनवरी 2004 से प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामीण सचिवालय की स्थापना की है. बावजूद इसके इसका संचालन नहीं हो रहा था. कई पंचायतों में पंचायत भवन भी खाली पड़े हैं और पंचायत प्रतिनिधि घर से ही सभी काम निपटाते थे.

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बस्तर कलेक्टर ने की पहल :बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार (Bastar Collector Chandan Kumar) ने इस मामले में पहल करते हुए बस्तर जिले की 433 ग्रामीण सचिवालय को सोमवार से शुरू करने के निर्देश दिए हैं. बस्तर ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ में पहला जिला होगा.लंबे समय से आदिवासी सहित पंचायत प्रतिनिधि पेशा कानून के तहत पंचायतों के अधिकार की बात करते रहे हैं लेकिन पंचायतें सचिवालय से संचालित होती ही नहीं है ऐसे में यह पहल बस्तर के लिए काफी उपयोगी साबित होगी.

Last Updated : Jul 18, 2022, 4:17 PM IST

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