जगदलपुर: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए बस्तर इन्द्रावती नदी बचाओ मंच की ओर से 8 मई को निकाली गई पदयात्रा पांचवें दिन भी जारी रही. इंद्रावती बचाओ जनजागरण पदयात्रा में रविवार को जनसैलाब उमड़ पड़ा.
पदयात्रा में उमड़ा भारी जनसैलाब बता दें कि भेजापदर गांव से 8 मई को इंद्रावती नदी बचाओ अभियान की शुरुआत हुई थी. अभियान में सैकड़ों ग्रामीण जुड़ते चले गए और पदयात्रा विशाल जनसमूह में तब्दील हो गई है.
बच्चे, युवा, बुजुर्ग समेत शामिल हुईं महिलाएं
रविवार की सुबह पदयात्रियों की टोली जिले में पहुंची. इस दौरान शहर के लोगों ने पदयात्रियों का स्वागत किया. स्थानीय लोगों ने इस अभियान से जुड़े लोगों की जमकर तारीफ की और आगे बचे यात्रा में शामिल होने का संकल्प लिया. अभियान के पांचवें दिन यह पदयात्रा धोबीगुड़ा गांव से शुरू हुई और नदी के कटीले और कठिनाई भरे रास्तों से गुजरते हुए 5 किलोमीटर का सफर तयकर जगदलपुर के पुराना पुल पहुंची.
बस्तर के क्षेत्र में सुखता जा रहा है इन्द्रावती नदी का पानी
इस पदयात्रा का मकसद ओडिशा सरकार और छत्तीसगढ सरकार के बीच हुए अनुबंध के मुताबिक खातीगुड़ा डेम से 45 टीएमसी पानी बस्तरवासियों को दिया जाना है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ओडिशा सरकार अपने वायदे के मुताबिक पानी नहीं देते हुए अपने क्षेत्र में बांध पर बांध बनाता जा रहा है, जिससे इन्द्रावती नदी बस्तर के क्षेत्र में सुखती जा रही है.
जनप्रतिनिधि ने अभी तक नहीं दिया है इस ओर ध्यान
बस्तरवासियों पर जल संकट का खतरा मंडराने लगा है. पदयात्रा निकालते हुए 5 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासन और बस्तर के किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है और न ही इसकी सुध लेने के लिए आगे आए हैं.
चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी पदयात्रा
नगरनार के भेजापदर गांव से शुरू हुई यह पदयात्रा आगामी 10 दिनों में 70 किलोमीटर पैदल सफर तय कर चित्रकोट जलप्रपात पहुंचेगी, जहां इसका समापन होगा.