दुर्ग : चरोदा बस्ती में तीन साधुओं की जनता ने पिटाई की है. स्थानीय लोगों के मुताबिक तीनों साधु बच्चा चोरी करना चाहते थे. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को संभाला और तीनों साधुओं को भीड़ के चंगुल से बचाकर अस्पताल में दाखिल किया. फिलहाल पुलिस साधुओं के बयान दर्ज कर रही है. Monks beaten by Mob in durg
चरोदा में बच्चा चोरी के शक में साधुओं की पिटाई वीडियो में क्या :वीडियो में दिख रहा है कि बस्ती के लोगों ने 3 साधुओं को घेर रखा है. तीनों साधुओं की लात घूंसे और हाथों से जमकर पिटाई कर रहे हैं. इस दरमियान एक पुलिसकर्मी साधुओं को बचाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन भीड़ पुलिस को भी नहीं छोड़ रही है. पुलिस को भी भीड़ खींचने लगती है. इस पिटाई से साधु बुरी तरह से घायल हो गए. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर साधुओं को थाने ले गई और उनका मुलाहिजा करवाया. पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ में जुटी है.
भीड़ ने साधुओं को बेरहमी से पीटा कब की है घटना :भिलाई तीन थाना प्रभारी मनीष शर्मा के मुताबिक "ये घटना बुधवार सुबह 11-12 बजे के बीच की है. लेकिन इस घटना का वीडियो एक दिन बाद वायरल हुआ है. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई है." इस केस में एसपी अभिषेक पल्लव ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए स्थानीय जांच अधिकारी को फटकार लगाई है.
साधुओं की पिटाई वाले मामले में पुलिस कर रही जांच कैसे हुई घटना : दुर्गपुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के मुताबिक "चरोदा क्षेत्र में तीन साधु आ रहे थे. उसी दौरान किसी ने शोर मचाना शुरू किया कि ये तीनों साधु बच्चा चोरी करते हैं. इसके बाद स्थानीय लोगों ने साधुओं को रोककर पूछताछ शुरु की. इससे पहले साधु कुछ समझ पाते कुछ देर में वहां और भीड़ इकट्टा हुई और साधुओं को पीटने लगी. इस दौरान साधुओं को लाठी और डंडों से मारा गया. इस मारपीट में एक साधु का सिर फट गया. साधु की पिटाई की खबर पुलिस को दी गई. मौके पर पुलिस पहुंची और घायल साधुओं समेत दूसरे साधु को एक ऑटो में बिठाकर अस्पताल ले जाया गया. "
सूत्रों के मुताबिक कुछ लोग शराब पीकर दशहरा की पार्टी कर रहे थे.उसी रास्ते से साधु गुजरे. इसी दौरान उनमें से एक ने खड़े होकर बच्चा चोर का हल्ला किया. बाद में इन्हीं शराबियों ने साधुओं की पिटाई करनी शुरू की.
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कहां से आए हैं साधु :पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार साधु राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं. इनका नाम राजबीर सिंह, अमन सिंह और श्याम सिंह है. ये साधु चरोदा क्षेत्र में ही मकान किराए से लेकर रह रहे थे. इस दौरान ये लोगों से राशन और कपड़े मांगकर अपना जीवन यापन कर रहे थे. वहीं शुरुआती जांच में किसी भी तरह की कोई संदिग्ध गतिविधि इन साधुओं के पास से नहीं मिली है. अब पुलिस इस बात में जुटी है कि आखिर इतने दिनों से एक क्षेत्र में रह रहे साधुओं पर बच्चा चोरी का आरोप लगाकर उनकी पिटाई क्यों की गई है. आपको बता दें कि कुछ दिन पूर्व खुर्सीपार पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. जिसमें 4 महिलाएं और एक पुरुष शामिल था. ये सभी मध्यप्रदेश के शहडोल के रहने वाले थे.
साधुओं के पास नहीं मिला परिचय पत्र :राजस्थान से दुर्ग आए साधु चरोदा बस्ती भिक्षा मांगने पहुंचे थे. साधु एक बच्चे से बातचीत कर रहे थे. इस दौरान ग्रामीणों ने बच्चा चोर के शक में उनकी पिटाई कर दी. पिटाई से तीनों साधु गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें पुलिस इलाज के लिए अस्पताल ले गई. बहरहाल पुलिस अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर वायरल वीडियो के आधार पर 25 से 30 लोगों से पूछताछ कर रही है.
विपक्ष ने साधा निशाना: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि ''मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के गृह जिले दुर्ग के चरोदा बस्ती में तीन साधुओं के साथ गंभीर रूप से मारपीट की गई है. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. यह छत्तीसगढ़ के कानून व्यवस्था की पोल खोलने वाली स्थिति है. छत्तीसगढ़ में अराजकता का माहौल है.''
राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेयने कहा है कि ''छत्तीसगढ़ में लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था चरमरा गई है. पहले कवर्धा और अब मुख्यमंत्री, गृहमंत्री के क्षेत्र में साधुओं की पिटाई कई सवाल खड़े कर रही है. प्रदेश में शांति भंग हो रही है. इस घटना के बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में नहीं लिया. मामला मीडिया में आ जाने के बाद जानकारी हुई. ऐसे में पुलिस को चाहिए कि वो अब जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.''
क्या कहते हैं गृहमंत्री:गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि ''पुलिस विभाग जांच कर रहा है. जांच करने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसमें सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को बख्शा नहीं जाएगा.''