धमतरीःकोटाभर्री स्थित कोटेश्वर धाम (Koteshwar Dham) पर मुख्यमंत्री दौरे के बीच विरोध-प्रदर्शन (Protest) का दौर भी जारी रहा. पूर्व कैबिनेट मंत्री (former cabinet minister) और कुरूद विधायक अजय चन्द्राकर के साथ झुमा-झटकी के मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं (workers) ने कार्यक्रम स्थल (Event Venue) के पास काले झंडे (black Flag) दिखाने की कोशिश की लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया.
सीएम के दौरे पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की नाराजगी और प्रदर्शन कार्यक्रम में तवज्जों नहीं मिलने से नाराज वैद्यराज संघ ने भी नाराजगी जाहिर की है. सम्मेलन (seminar) को राजनैतिक कार्यक्रम (political program) बनाने का आरोप लगा दिया है. बीते दिनोें कुरूद के भाजपा कार्यालय (BJP Office) में विधायक अजय चन्द्राकर के साथ हुई झुमा-झटकी के मामले में बीजेपी लगातार प्रदर्शन कर रही है.
सीएम के कार्यक्रम में भी विरोध स्वरूप काला झंडा दिखाने की बात बीजेपी (BJP) ने कही थी. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने तयशुदा कार्यक्रम के तहत नगरी इलाके के कोटाभर्री स्थित कोटेश्वर धाम पहुंचे. यहां ऋषि पंचमी पर वैद्यों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए.
बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
इस बीच मुख्य सड़क (main road) और कार्यक्रम स्थल से 100 मीटर दूर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया (showed off). ये सभी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने की तैयारी में थे लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया और गिरफ्तार कर लिया. भाजपा ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सीएम से सवाल पूछना चाहते थे.
उन्हें गिरफ्तार (Arrested) किया जा रहा है. क्या यही लोकतंत्र (Democracy) है? झुमा-झटकी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पुलिस अपनी जांच कर रही है. वहीं, काला झंडा पर चुटकी लेते हुए कहा कि काला एक रंग है और इससे कोई फर्क नही पड़ता. अगर भाजपा विरोध कर रही है तो करने दीजिए.
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वैद्यराजों को सम्मान नहीं मिलने पर नाराजगी
अपने ही कार्यक्रम में वैद्यराजों को सम्मान नहीं मिलने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की है. वैद्यराजों ने कहा है कि हमने अपनी समस्याओं और मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री को बुलाया. लेकिन कार्यक्रम वैद्यराज संघ का न हो कर राजनैतिक सम्मेलन का रूप ले लिया. वैद्यराज संघ ने कहा है कि सरकार की ओर से उन्हें कोई सुविधा नहीं मिल रही है. यहां तक औषधि पादप बोर्ड में किसी भी आदिवासियों को स्थान नहीं दिया गया है.
वैद्यराज अपनी मांगों को मंच से रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें न मंच पर बुलाया गया था और न ही उन्हें सम्मान दिया गया. संघ ने आरोप लगाया कि औषधि पादप बोर्ड कागजों में चल रहा है. संघ की नाराजगी पर विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी ने सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री उनकी मांगों को सुनना चाह रहे थे लेकिन कोई बोलने के लिए तैयार नहीं था.