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भ्रष्ट अफसरों पर अभियोजन के लिए सरकार से नहीं मिली मंजूरी, हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ सरकार तलब

छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति शासन ने नए कानून के मुताबिक अब तक नहीं दी है. इस मामले में दायर की गई जनहित याचिका पर शासन ने जवाब के लिए फिर समय मांग लिया. हाईकोर्ट ने शासन को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. याचिकाकर्ता को भी मामले से संबन्धी अन्य जानकारी प्रस्तुत करने कहा है.

Government summoned in court for not allowing prosecution of officers
अफसरों पर अभियोजन की अनुमति नहीं देने पर कोर्ट में सरकार तलब

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Published : Jan 14, 2022, 4:01 PM IST

बिलासपुरः प्रदेश के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन चलाये जाने की अनुमति शासन ने नए कानून के मुताबिक अब तक नहीं दी है. इस मामले में दायर की गई जनहित याचिका पर शासन ने जवाब के लिए फिर समय मांग लिया.

कोर्ट ने शासन को जवाब देने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. याचिकाकर्ता को भी मामले से संबन्धी अन्य जानकारी प्रस्तुत करने कहा है. छत्तीसगढ़ राज्य शासन में ऐसे अफसरों की बड़ी संख्या है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाए गए हैं. उनके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज हुई है. इस तरह के मामलों में पुलिस और एसीबी जैसी संस्थाओं को अभियोजन चलाने के लिए शासन से अनुमति लेना आवश्यक होता है.

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सामाजिक कार्यकर्ता ने दायर की थी याचिका

पिछले करीब दस वर्षों से शासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है. इसे लेकर सामाजिक कार्यकर्ता देवेन्द्र चंद्राकर ने अपने अधिवक्ता रोहिताश्व सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की. मामले में पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन से जवाब मांगा था. शासन ने इस मामले के प्रकाश में सन 2018 के कानून के तहत अभियोजन की अनुमति प्रदान कर दी थी.

पिछली बार भी सरकार ने ली थी मोहलत

भ्रष्ट अधिकारियों पर केस संबंधी कानून दो साल बाद समाप्त हो गया. समाप्त हो चुके कानून के अनुसार अभी वर्ष 2021 में शासन ने अनुमति दी है. इस मामले में पिछले सुनवाई में शासन ने जवाब के लिए समय मांगा था. तब कोर्ट ने उस समय भी समय दिया था और शुक्रवार को हुए सुनवाई में शासन ने फिर समय मांग लिया. कोर्ट ने इस बार शासन को 4 सप्ताह का समय दिया है. 4 सप्ताह बाद इस मामले में फिर सुनवाई होगी.

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