बिलासपुर:बिलासपुर शहर में कॉक्स सैकी नाम का वायरस बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है. बिलासपुर में पिछले दिनों 60 बच्चों में कॉक्स वायरस की पुष्टि हो चुकी है. जबकि इतने पिछले एक साल में आए थे. इसके कारण जिले के स्वास्थ्य विभाग ने ना सिर्फ इसके लिए बिलासपुर जिले को अलर्ट घोषित किया है, ब्लकि स्कूल बच्चों को इस वायरस से प्रभावित बच्चों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है. वहीं डॉक्टरों के अनुसार यह जानलेवा बीमारी नहीं है, इसलिए बहुत ज्यादा खतरे की बात नहीं है. फिर भी वायरस को लेकर सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है.
दरअसल, कॉक्स सैकी वायरस से काफी बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि '' कॉक्स वायरस को लेकर जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है. हालांकि यह जानलेवा वायरस नहीं है. इसलिए बहुत ज्यादा खतरे की बात नहीं है. फिर भी वायरस को लेकर सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी किया गया है. मरीजों की संख्या और उनका नाम, पता लिखकर रखने के आदेश दिए गए हैं. बिलासपुर जिले में अब तक 50 से 60 बच्चों में यह वायरस देखने को मिला है. निजी अस्पतालों से जानकारी अभी मंगाई जा रही है.''
कॉक्स सैकी वायरस संक्रमण के लक्षण: पीडियाट्रिक डॉ राकेश साहू ने बताया कि ''कॉक्स सैकी वायरस को हैंड, फूट, माउथ डिसीज भी कहा जाता है. यह वायरस सांस की बूंदों, लार और बलगम से फैलता है. छोटे बच्चे एक साथ खेलते हैं और खानपान करते हैं. ऐसे में एक दूसरे से वायरस तेजी से फैलता है. इससे संक्रमित मरीज में 2 दिन में ही लक्षण नजर आता है. इसमें हथेलियों और तलवों तक में खुजली के बिना लाल चकत्ते हो जाते हैं. कुछ ही दिनों में यह फफोले में विकसित हो जाते हैं. इसके अलावा मुंह में छाला और गले के अंदर छाला पड़ जाता है. बच्चों को बुखार, सर्दी, खांसी और जलन जैसी समस्या होने लगती है.''Symptoms of coxsackie virus infection