बिलासपुर: शहर में इस समय नवरात्रि की धूम मची हुई है. शहर के मंदिरों और पंडालों में दुर्गा देवी की प्रतिमाएं विराजित की गई है. शहर में अलग अलग राज्यों के लोग आकर बसे हुए है. सभी जगह अपने राज्यो की परंपराओं के अनुसार पूजा की जाती है. नवरात्रि के आठवें दिन और दुर्गा पूजा के महाअष्टमी तिथि पर देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी-सरस्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की विशेष पूजा अर्चना की गई. यहां पश्चिम बंगाल की तर्ज पर दुर्गा पूजा मनाया जाता है. बंगाली दुर्गा पूजा की अपनी अलग परंपरा है. जिसे देखने के लिए यहां भक्तों की भीड़ जमा हो रही है. यहां हो रही आरती को देखकर लोग भक्ति में डूब रहे हैं. Bengali Durga Puja Tradition in Bilaspur
बंगाल की ही भांति पूरे धार्मिक विधि विधान से होती है दुर्गा पूजा: बिलासपुर में भी बंगाल की ही भांति पूरे धार्मिक विधि विधान के साथ दुर्गा पूजा की जाती है. विशेषकर मिलन मंदिर, काली बाड़ी, गोंड़पारा और आसपास में इस पूजा को संपन्न कराने के लिए बंगाल से आये पुजारी, ढाकी और भोग तैयार करने वाले रसोइये अपने काम में जुट गए हैं. महा सप्तमी के बाद सोमवार महा अष्टमी पर सुबह से ही पंडालों में मंत्रोच्चार के साथ दुर्गा पूजा आरंभ हो गई. देवी दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना के साथ कुमारी पूजन भी किया गया. बंगाल की परंपरा के अनुसार श्रद्धालु दुर्गा पंडालों में फल फूल मिष्ठान आदि लेकर उन्हें अर्पित करने पहुंचे. ढाक की थाप और काशी की स्वर लहरी के बीच देवी दुर्गा की विशेष पूजा संपन्न होने के बाद भक्तों ने कतार लगाकर पुष्पांजलि दी.