सरगुजा :हसदेव अरण्य कोल ब्लॉक के मामले में दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल अब जनाधार खोते दिख रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल इस मामले में फंस चुके हैं. भले ही इन पार्टियों के राष्ट्रीय व प्रदेश के नेताओं को खास फर्क ना पड़े लेकिन स्थानीय नेताओं को विरोध झेलना पड़ सकता है. भाजपा और कांग्रेस के प्रति नाराजगी का फायदा आम आदमी पार्टी को मिल सकता है. (Hasdeo Bachao Andolan effect )
देश के साथ विदेशों में भी हो रहा विरोध:हसदेव अरण्य बचाने हरिहरपुर, साल्ही से लेकर दिल्ली और अमेरिका में भी विरोध हुआ. देश और दुनिया के तामाम लोग हसदेव अरण्य बचाने की मुहिम से जुड़ते चले गये. इधर भाजपा और कांग्रेस भी आंदोलन में शामिल होकर इनके साथ होने का दावा कर रही है. लेकिन सवाल ये है कि राज्य में कांग्रेस सत्ता में है और केंद्र में भाजपा काबिज है. अगर दोनों ही दल हसदेव नहीं उजड़ने देना चाहते तो फिर कौन है जो हसदेव को नष्ट करना चाहता है. (Hasdeo Bachao Andolan effect on political parties in chhattisgarh )
सरगुजा में हसदेव अरण्य को बचाने के लिए देशभर से जुटेंगे पर्यावरणविद !
हसदेव का समर्थन के बावजूद प्रशासन काट रहा पेड़:एक तरफ भाजपा आंदोलन का समर्थन करती है और दूसरी तरफ केंद्र की सत्ता में काबिज भाजपा के ही मंत्रियों के विभाग से कोल ब्लॉक की अनुमति जारी होती है. कुछ ऐसा ही आलम कांग्रेस का भी है, कांग्रेस के लोग आंदोलन में पहुंचते हैं, कांग्रेस के नेता दोबारा ग्राम सभा कराने की मांग करते हैं. लेकिन यहां से भी खदान खोलने के सारे पेपर क्लियर हो जाते हैं. यहां तक की रात के अंधेरे में पेड़ काटे जा रहे रहे थे. जब ग्रामीणों ने देख लिया तो प्रशासन ने उस जगह को छावनी में बदल दिया.
सरगुजा में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन