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कवर्धा: खरीदी केंद्रों में भीग रहे धान की भरपाई करेगी सोसायटी

छत्तीसगढ़ में रुक-रुक कर हो रही बारिश से सोसायटी में रखा लाखों क्विंटल धान बारिश में भीग चुका है. दो दिनों की बारिश ने शासन-प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है.

society will compensate for paddy drenched in procurement centers
खरीदी केंद्रों में भीग रहे धान

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Published : Feb 18, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Feb 21, 2021, 2:40 PM IST

कवर्धा:छत्तीसगढ़ मेंपिछले दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने प्रशासन की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. सोसायटी में रखा लाखों क्विंटल धान बारिश में भीग चुका है. जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ है. अब प्रशासन नुकसान की भरपाई के लिए सेवा सहकारी समितियों से वसूली की बात कह रही है.

खरीदी केंद्रों में भीग रहे धान

महाराष्ट्र के ऊपर बने चक्रीय चक्रवात के असर से कवर्धा जिले में दो दिनों से तेज बारिश हुई है. आगे भी बारिश होने की संभावना बनी हुई है. जिले के 94 धान खरीदी केंद्र में खुले आसमान के नीचे रखा 17 लाख 22 हजार क्विंटल धान उठाव नहीं होने के कारण भीग गया है.

जाम पड़े धान

खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में कवर्धा जिले में 94 धान खरीदी केंद्रों में 39.34 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई है. इसमें से 22 लाख 12 हजार क्विंटल धान का ही उठाव हो पाया है. अब भी 17 लाख 22 हजार क्विंटल धान सोसाइटी में जाम पड़ा हुआ है. ऐसी स्थिति में खुले में रखे धान भीग रहे हैं. जल्द ही धान का उठाव नहीं किया गया तो शासन का और भी नुकसान होने की संभावना है.

खरीदी केंद्रों में भीग रहे धान

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धान भीगा तो समिति की जवाबदारी

डीएमओ विनय तिवारी ने बताया कि जिलेभर के खरीदी केंद्रों में कुल 17 लाख 22 हजार क्विंटल धान का उठाव अब तक नहीं हुआ है. धान भीगकर खराब हुआ तो उसकी भरपाई समितियां करेंगी. क्योंकि समितियों को प्रशासन प्रति क्विंटल धान के हिसाब से तिरपाल और रख रखाव के लिए के लिए पूरा खर्च देता है. सोसाइटी में रखे धान की जिम्मेदारी समिति और सोसाइटी प्रबंधक की होती है. जहां भी अगर समितियों की लापरवाही से धान भीग जाता है या खराब होता है तो इसकी रिकवरी भी समितियों से की जाएगी.

Last Updated : Feb 21, 2021, 2:40 PM IST

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