बीजापुर: भैरमगढ़ ब्लॉक के केतुलनार ग्राम पंचायत में साल 2016 में 64 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए थे , जिसमें कुछ आवासों का बेतरतीब निर्माण किया गया है. वहीं सचिव पर 12 उन आवासों की फर्जी जियोटैगिंग बताकर राशि निकालने का आरोप है, जिनका निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हुआ है. इस मामले में 30 दिसंबर 2019 को सीईओ जनपद पंचायत भैरमगढ़ ने सचिव रामबती भोगामी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, लेकिन अब तक दोषी सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही आवासों का काम शुरू हो पाया है. हालात यह हैं कि जिन मकान का काम पूरा बताया गया है, वहां मवेशी सो रहे हैं, क्योंकि प्लास्टर और फ्लोरिंग के बिना, यहां इंसानों का रहना संभव नहीं है.
पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार जिले के कुटरू थानाक्षेत्र का केतुलनार ग्राम पंचायत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, यहां 80 फीसदी आबादी कम पढ़ी लिखी है. इन्हें हिंदी बोलने में भी कठिनाई होती है. भाजपा शासनकाल में यहां 64 प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति मिली थी, जिसमें हर आवास के लिए 1 लाख 30 हजार की राशि और मनरेगा से 15 हजार यानी कुल 1 लाख 45 हजार की राशि स्वीकृत हुई थी. सचिव पति श्रीनिवास झाड़ी ने यहां कुछ हितग्रहियों के आवास का काम शुरू तो कराया, लेकिन इन घरों का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया गया. तकनीकी के आधार पर लगभग सभी आवास बिना ड्राइंग के बने होने की वजह से अलग-अलग हैं. वहीं आधे-अधूरे मकानों को उनके हाल पर छोड़कर राशि निकाल ली गई है. अधूरे काम के एवज में पूरा भुगतान
ग्रामीणों ने बताया कि सचिव पति ने उन्हें बीजापुर बैंक लेजाकर आवास के लिए स्वीकृत एक लाख तीस हजार रुपये की राशि दुकानदार को देने के नाम पर निकाल लिया करता था. आज भी दर्जनों मकान ऐसे हैं, जहां स्लैब तक नहीं डाला गया है. कई मकानों की छत 7-8 फिट ऊंची है, कहीं खिड़की नहीं है, तो कहीं रोशनदान का नामो निशान नहीं है. कई मकानों में सचिव ने मुख्य दरवाजे तक नहीं लगवाए हैं और जियोटैगिंग कर पूरा भुगतान कर लिया है. ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है. वहीं एक हितग्राही ने बताया कि आवास निर्माण की मांग करने पर की ओर से उन्हें नक्सल मामले में जेल भेजने की धमकी दी जाती है.
सचिव को कारण बताओं नोटिस जारी
रिकॉर्ड के मुताबिक आज 54 प्रधानमंत्री आवास पूरे हैं.12 आवासों पर काम चल रहा है. वहीं 7 आवासों की राशि को सचिव और उसके पति पर गबन करने का आरोप है. जनपद पंचायत सीईओ ने सचिव रामबती भोगामी को कारण बताओ नोटिस जारी कर लिखा है कि ‘आपके द्वारा किए जियोटैगिंग के आधार पर उच्च कार्यालय द्वारा सत्यापित कर हितग्राही के खाते में राशि जारी करने की प्रक्रिया पूर्ण की गई है. निर्मित आवासों का भौतिक सत्यापन किए जाने पर आपके द्वारा निर्मित आवासों का नहीं बनना पाया गया, जिससे से प्रतीत होता है कि आप उच्च कार्यालय को गुमराह एवं फर्जी तरीके से आवासों को पूर्ण बताया है, जो सिविल सेवा आचरण 1998 के नियम के विपरीत कदाचार की श्रेणी में आता है. क्यों न आपके निलंबन का प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को भेजा जाए.’ कारण बताओ नोटिस जारी होने के बावजूद अब तक सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है और न ही सचिव से राशि की वसूली की गई और न ही प्रधानमंत्री आवास के तहत बन रहे मकान पूरे हो पाए हैं.
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इस पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी भैरमगढ़ ए के अरकरा ने बताया कि सचिव रामबती भोगामी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन सचिव ने कोई जवाब नहीं दिया. जिसके बाद इस संबंध में उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई है. सचिव की ओर से अधूरे छोड़े काम काम को पूरा करने का आश्वासन दिया जा रहा है ,लेकिन कार्य पूर्ण नहीं करना लापरवाही है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.