छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / briefs

किसानों को मिलेगी गोधन न्याय योजना की पहली किस्त, 13 लाख से ज्यादा की राशि का भुगतान - first installment of godhan nyay scheme

राजनांदगांव जिले में गोधन न्याय योजना को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. इस योजना के तहत जिले के 5 हजार से ज्यादा किसानों को 13 लाख 72 हजार रुपए की पहली किश्त का भुगतान किया जाएगा.

Payment of first installment of Godan Nyaya Yojana to farmers
किसानों को गोधन न्याय योजना की पहली किश्त का भुगतान

By

Published : Aug 5, 2020, 1:40 PM IST

राजनांदगांव : ‘गोधन न्याय योजना’ के तहत किसानों को 13 लाख 72 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा. गौठान के जरिए गोबर खरीदी करने के बाद 5 जुलाई को हितग्राहियों को भुगतान की पहली किश्त दी जाएगी.

किसानों को गोधन न्याय योजना की पहली किश्त का भुगतान
राज्य शासन की गोधन न्याय योजना को जिले में अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. इस योजना के तहत पंजीकृत किसानों ने 13 लाख से अधिक का गोबर शासन को बेचा है, जिसकी पहली किस्त का भुगतान किया जाना है, किसानों को भुगतान की राशि उनके खाते में दिए जाने की तैयारी है.

हितग्राहियों को बैंक खाते में राशि का भुगतान
इस बारे में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील वर्मा का कहना है कि राजनांदगांव जिले में गोधन न्याय योजना बेहतर तरीके से संचालित की गई ,जिसका सीधा लाभ किसानों को मिला है. जिले में 20 जुलाई से गोबर खरीदी शुरू की गई है, तब से लेकर के अब तक यह भुगतान की पहली प्रक्रिया है. जिले में कुल 377 गौठान है ,इनमें 288 गौठानों से गोबर की खरीदी की गई है. जिले में कुल 5 हजार 47 पशुपालकों से 60 हजार 42 क्विंटल गोबर खरीदा गया है. उन्होंंने बताया कि हितग्राहियों राशि का भुगतान सीधा उनके खाते में ट्रांसफर किया जाएगा.

पढ़ें:- डोंगरगांव: सावन का आखिरी सोमवार, अंबागढ़ पहाड़ी में अर्धनारीश्वर स्वरूप के होते हैं दुर्गम दर्शन

बता दें कि सरकार की ओर से भी प्राथमिकता से गोबर की खरीदी की जा रही है. वहीं गोबर बेचने वाले किसान भी सरकार की इस योजना से काफी खुश हैं और प्रशासन की इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लेकर आगे बढ़ रही है. इस योजना से किसान अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं. 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर को खरीदा जा रहा है. इस गोबर से कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी. इसे पैकिंग कर 8 रुपए प्रति किलोग्राम के दामों में बेचा जाएगा. इससे जैविक ढंग से उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है और जो रासायनिक खाद किसान उपयोग करते हैं उससे भी निर्भरता किसानों की कम होगी. साथ ही सरकार को आए तो मिलेगा और ग्रामीण अर्थतंत्र भी इस योजना से मजबूत होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details