पटनाःकांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य (Rahul Gandhi disqualified ) ठहराए जाने के बाद बिहार की राजनीति गरमायी रही. महागठबंधन के कई नेताओं ने इसका विरोध किया. मार्च भी निकाला. महागठबंधन के नेताओं ने इसे लोकतंत्र का काला दिन बताया. वहीं, भाजपा ने इसे कानूनी कार्रवाई बताया. भाजपा का ऐसा मानना है कि यूपीए के समय में कानून के अनुसार ही कार्रवाई की गयी है. इसमें कहीं भी गलत भावना वाली बात नहीं है. बिहार के सियासी गलियारे में इस बात पर भी चर्चा चल रही थी कि नीतीश कुमार का रास्ता साफ हो गया. दरअसल विपक्ष को एकजुट करने के सवाल पर यह बात बारबार उठ रही थी कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को पीएम के रूप में देखना चाहेंगे तो फिर वे नीतीश के नाम पर मुहर कैसे लगाएंगे. बहरहाल राहुल गांधी के अयोग्य ठहराये जाने के बाद सियासत तेज है.