सीतामढ़ी: कोरोना वैश्विक महामारी को लेकर केंद्र सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन लागू किया है. इस वजह से लगभग सभी काम धंधे ठप हैं. ऐसे हालत में जिले के किसानों की माली हालत बेहद खराब हो चुकी है. एक तरफ प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों के गेहूं के फसल आम और लीची की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. वहीं लॉकडाउन के कारण किसानों के फूल भी नहीं बिक रहे हैं.
'सरकार से मदद की आस'
फूल के किसानों का कहना है कि जो फूल मंदिरों में भगवान को अर्पित किए जाते थे शादी और दूसरे कार्यक्रमों में चार चांद लगाते थे. वही फूल अपनी खुशबू फैलाने में भी असमर्थ है. लॉकडाउन में मंदिर बंद है. मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए सबसे ज्यादा फूलों का इस्तेमाल होते थे. इस महीने में शादी जैसे मांगलिक कार्यक्रमों का भी मौसम रहता था. लेकिन बंदी के कारण सब ठप पड़ा हुआ है. किसानों ने सरकार से इस संकट की घड़ी में मदद करने की गुहार लगाई.
'खेतों में ही मुरझा रहे हैं फूल'
जिले में बड़े पैमाने पर फूलों की खेती की जाती है. क्षेत्रों में खिले रंग-बिरंगे फूल और धीरे-धीरे मुरझा रहे हैं.फूलों के साथ ही किसानों के चेहरे भी मुरझा रहे हैं. जिन्होंने आमदनी की उम्मीद से इसकी खेती की थी. लॉकडाउन ने किसानों की खुशियां को लॉक कर दिया है. कोरोना वायरस के संक्रमण ने फूलों की व्यवसायिक खेती को बुरी तरह से प्रभावित किया है. सब कुछ ठप हो जाने के कारण फूल के किसानों और कारोबारियों की कमर टूट गई है.