समस्तीपुर:उत्तर बिहार में मुजफ्फरपुर के बाद शाही लीची के उत्पादन में अव्वल रहने वाले जिले के किसान लाचार हैं. दरअसल मौसम की मार से शाही लीची के उत्पादन पर असर पड़ा है. मौसम की मार का असर कुछ ऐसा है कि किसान ने लीची को तोड़ने के बजाए पेड़ पर ही सड़ने को छोड़ दिया है.
दरअसल इस साल बारिश नहीं होने और पछुआ हवा ने जिले में लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है. कई एकड़ में लगे लाल लीची दूर से तो लोगों को आकर्षित कर रहा है. लेकिन नजदीक आने पर इसकी हकीकत का पता चलता है. शाही लीची का ये फल तैयार होने से पहले ही फट गया है. इसका स्वाद भी खट्टा हो गया है. ऐसे में किसान हैरान और परेशान हैं. इस फसल का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है.
मौसम की मार से लाचार हुए किसान
कई एकड़ में लगे लीची के इस फसल का हाल बहुत ही बुरा है. आलम यह है कि इसे पेड़ से तोड़वाने के लिए किसान तैयार नहीं हो पा रहे हैं. इसे तोड़वाने में जितने खर्च आएगा उतने में यह बिकने वाला नहीं है. मौसम की बेरूखी से खराब हुए फलों को किसान तुड़वाने की बजाए पेड़ों पर ही सड़ने को छोड़ रहे हैं.