बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पूर्णिया: लोगों के बीच अंधविश्वास फैला रहा यह शख्स, कई जिलों से इलाज के लिए आते हैं मरीज

जिले के बघुआ कोला गांव में मेडिकल साइंस को मुंह चिढ़ाकर अंधविश्वास का खेल धड़ल्ले से जारी है. बगैर किसी डिग्री के मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसके बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रहा है.

By

Published : Sep 18, 2019, 2:22 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 3:13 PM IST

मुस्लिम बाबा

पूर्णियाःजिले का आमौर प्रखंड इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इसकी वजह जान आप भी हैरान होंगे. यहां एक शख्स अंधविश्वास फैलाने में सफल होता दिख रहा है. दरअसल बघुआ कोला गांव में मुस्लिम नाम का शख्स कई बीमारी का इलाज तावीज से करने का दावा करता है.

बाबा के इंतजार में बैठे लोग

इस गांव में सीमांचल समेत बंगाल के कई जिलों से लोग पहुंच रहे हैं. मरीजों की भीड़ देख ईटीवी भारत की टीम बघुआ कोला गांव पहुंची. इसके बाद यहां पहुंचे रोगियों और स्थानीय लोगों से बातचीत की. कई मरीज इलाज करनेवाले मुस्लिम की तारीफ कर रहे थे.बायसी से आए मो. मोजबीन ने कहा कि मुस्लिम बाबा के बारे में काफी कुछ सुना है. हमने सुना है कि यहां हर मर्ज का इलाज संभव है. जो बड़े से बड़े अस्पतालों में नहीं होता. वे कहते हैं कि दूसरी बार यहां अपने मरीज को लेकर आए हैं.

लोगों ने खोले कई राज
वहीं, स्थानीय लोगों ने इन सब से जुड़ी एक हैरत करने वाली बात बताई. उनका कहना है कि यहां आने वाले लोगों ने जिस तरह की धारणा पाल रखी है. वह सिर्फ एक अंधविश्वास है. ऐसा इसलिए कि ये बाबा आस-पास के गांव और पंचायत के लोगों को नहीं देखते. बीमारियों और छूमंतर करने के इनके दावों में वे भी पहले फंसे थे. कुछ दिनों तक आरोपी मुस्लिम के झांसे में रहे. लेकिन वक्त बीतने के साथ ही सभी के सामने सच्चाई आ गई. इसके बाद जमकर हंगामा भी हुआ था. बवाल के बाद कुछ दिनों तक मुस्लिम का अंधविश्वास का धंधा बंद रहा.

इलाज के इंतजार में खड़े लोग

'दवा नहीं दुआ से इलाज'
वहीं, इस संबंध में इलाज करनेवाले मुस्लिम से सवाल करने पर वो सही जवाब नहीं दे पाए. उन्होंने कहा कि बड़े से बड़े रोगों को खत्म किया है. लेकिन, दवा के दम पर नहीं. बल्कि एक दुआ और तावीज के दम पर. अंधविश्वास फैला रहे मुस्लिम ने मेडिकल क्षेत्र की डिग्री को भी खुद के लिए जरूरी नहीं बताया.

बाबा के इंतजार में बैठे लोग और जानकारी देते परिजन और स्थानीय
Last Updated : Sep 18, 2019, 3:13 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details