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Published : Feb 13, 2021, 3:13 PM IST

Updated : Feb 13, 2021, 7:30 PM IST

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तेज प्रताप का बड़ा आरोप - पिताजी की हालत के लिए जगदानंद सिंह जैसे लोग जिम्मेदार

लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के मूड और उनके गुस्से से सभी वाकिफ हैं. तेजप्रताप यादव के हाई वोल्टेज ड्रामा से राजद दफ्तर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया. इस बार उन्होंने बड़ा बयान देते हुए अपनी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर गंभीर आरोप लगाया है.

पटना
पटना

पटना:लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और हसनपुर विधायक तेज प्रताप यादव ने आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है. तेजप्रताप ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह जैसे लोगों की वजह से हमारे पिताजी लालू प्रसाद यादव की आज ये स्थिति है. जगदानंद सिंह सरीखे लोग पार्टी का नुकसान कर रहे हैं.

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'विधायकों से नहीं मिलते जगदानंद सिंह'
दरअसल, तेज प्रताप यादव आरजेडी दफ्तर पहुंचे और करीब 10 मिनट तक रहे. तेज प्रताप यादव को ये नागवार गुजरा कि उनके स्वागत में जगदानंद सिंह बाहर नहीं आए. ना ही उनके चेंबर में जाकर उनसे मुलाकात की. इस दौरान तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को खूब खरी-खोटी भी सुनाई. मीडिया कर्मियों के साथ जगदानंद सिंह के दरवाजे तक गए और कहा कि उनसे जाकर पूछिए कि हमसे मिलने क्यों नहीं आए और विधायक का स्वागत क्यों नहीं किया.

देखिए रिपोर्ट

''अभी तक प्रदेश अध्यक्ष ने लालू यादव के लिए आजादी पत्र नहीं भरा है. जगदानंद सिंह लगातार पार्टी को कमजोर कर रहे हैं''-तेज प्रताप यादव, हसनपुर विधायक

वहीं, तेज प्रताप यादव के आरोपों के बाद जगदानंद सिंह की बोलती बंद हो गई. मीडिया कर्मी जब उनसे सवाल पूछने लगे तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सबको पार्टी को मजबूत करने का अधिकार है और अगर कोई कंफ्यूजन है, तो उसे मिल बैठकर दूर कर लेंगे.

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह

तेज प्रताप की 'मनमानी' पुरानी
बता दें कि पिछले साल भी तेज प्रताप यादव और लालू प्रसाद यादव के करीबी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द के भी तकरार की खबरें आई थी. जिसके बाद राबड़ी देवी ने डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा था कि तेजप्रताप तो बच्चा है और जगदानंद पार्टी के गार्जियन हैं. जगदानन्द सिंह के हाथ में राजद सुरक्षित है और नेतृत्व को लेकर कोई खींचतान नहीं है.

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क्या था मामला
दरअसल, तेज प्रताप यादव ने अपने एक करीबी को संसदीय बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया, तो अगले ही पल जगदानन्द सिंह ने तेज प्रताप के फैसले को रद्द कर दिया था. इस पर तेजप्रताप यादव ने जगदानन्द सिंह को खुली चुनौती दे दी थी और डंके की चोट पर पार्टी संसदीय बोर्ड और संगठन में अपने करीबी डॉक्टर अभिषेक कुमार को नियुक्त कर दिया था. जिसके बाद जगदानंद सिंह ने इस नियुक्ती को फर्जी बताया था.

Last Updated : Feb 13, 2021, 7:30 PM IST

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