नई दिल्ली/पटनाः सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड की पीड़ित लड़कियों में से आठ को उनके माता-पिता को सौंपने का आदेश दिया है. कुल 44 लड़कियों में से 20 के बारे में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी, रिपोर्ट के मुताबिक बाकी 20 लड़कियों में से कुछ ट्रॉमा, यानी सदमे में हैं या उनके घरवाले उन्हें अपनाने में असमर्थ या उदासीन हैं.
आर्थिक मदद के लिए दिया बिहार सरकार को आदेश
मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार से मुजफ्परपुर शेल्टर होम कांड की पीड़िताओं के लिए फंड जारी करने और अन्य जरूरी आर्थिक मदद देने का भी आदेश दिया है.
20 लड़कियों के बारे में दी गई थी रिपोर्ट
दरअसल, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में यातना सहने वाली सभी 44 लड़कियों के पुनर्वास का प्लान तैयार करने का आदेश कोर्ट ने टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को दिया था. जिसके बाद टीआईएसएस ने उनमें से 20 लड़कियों को उनके माता-पिता को सौंपने की बात की है.
क्या है बालिका गृह का मामला
बता दें कि टीटीआईएस वही संस्था है, जिसने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का पर्दाफाश किया था. जानकारी मिलने के बाद पूरे देश में बालिका गृह मामले को लेकर राज्य सरकार की किरकिरी हुई थी. जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि बालिका गृह में बच्चियों को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ित किया जाता है. यह मामला राज्य सरकार के जरिए चलाए जा रहे तमाम शेल्टर होम की जांच का था. जिसकी जानकारी सरकार को दी गई थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस मामले में कई राजनेताओं के भी नाम शामिल हैं.