पटना: लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को भारी निराशा हाथ लगी है. 40 सीटों में से महज एक सीट पर महागठबंधन को जीत हासिल हुई. नतीजों के बाद अब कांग्रेस ने कहा है कि सीट बंटवारे में उनके साथ अन्याय हुआ. जिसपर बीजेपी ने इसके लिए खुद कांग्रेस को ही दोषी करार दिया है. वहीं राजद ने सवाल उठाए हैं कि अगर बिहार में उनके साथ अन्याय हुआ तो यूपी में कौन सा कांग्रेस ने तीर मार लिया.
सदानंद सिंह ने क्या कहा
सदानंद सिंह ने कहा कि महागठबंधन की हार का सबसे बड़ा कारण आपसी तालमेल और टिकट बंटवारे में गड़बड़ी रहा है. वहीं उन्होंने इस करारी हार को लेकर कहा कि महागठबंधन के नेताओं को आत्ममंथन की जरूरत है. बिहार में जनता ने अपना जनादेश भाजपा, जदयू और लोजपा को दिया है. इसलिए अब महागठबंधन के सारे नेताओं को अपने गिरेबां में झांकना होगा. उसे समझना होगा कि ऐसी कौन सी स्थिति बनी कि महागठबंधन का वोट एनडीए में चला गया.
'सीट शेयरिंग से मिली हार'
सदानंद सिंह ने कहा कि महागठबंधन में जिस तरह से सीटों को लेकर तालमेल का दौर चला और टिकट का बंटवारा समय पर नहीं हो पाया. वह हार का एक बड़ा कारण बना. हमने अपने नेतृत्व को पहले ही बता दिया था, कि टिकट का बंटवारा बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. लेकिन इस पर शीर्ष नेताओं ने भी ध्यान नहीं दिया.
सदानंद सिंह, कांग्रेस नेता RJD का पलटवार
सदानंद सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए राजद नेता चितरंजन गगन ने कहा कि ना जाने क्यों सदानंद सिंह इस तरह के सवाल उठा रहे हैं. अगर बिहार में उनके साथ सीट बंटवारे में न्याय नहीं हुआ, तो यूपी में उन्होंने कौन सा तीर मार लिया? उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए.
BJP का बयान
इधर, बीजेपी प्रवक्ता संजय टाइगर ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस खुद अपने किए का खामियाजा भुगत रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस भ्रष्ट राष्ट्रीय जनता दल के भरोसे चुनाव लड़ी. उससे तो उनकी हार तय ही थी. उन्होंने यहां तक कहा कि बिहार में कांग्रेस का सफर सदाकत आश्रम से शुरू होता है. वहीं खत्म हो जाता है. उन्हें सदाकत आश्रम से बाहर निकलकर जनता के बीच जाना चाहिए और खुद के भरोसे चुनाव लड़ना चाहिए.