पटना : लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग की तरफ से मनरेगा योजनाओं में प्रयुक्त सामग्री एवं प्रशासनिक मद में 1 हजार 900 करोड़ ( 19 अरब ) रुपये विमुक्त किए गए हैं. जिससे सामग्री मद के लंबित राशि का भुगतान किया जाएगा.
ये भी पढ़ें- बोले श्रवण कुमार- मनरेगा योजना के तहत लगाये जाएंगे 2 करोड़ पौधे
1 लाख 296 नये जाॅब कार्ड दिए
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमारने बताया किमनरेगा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 20 करोड़ मानव दिवस सृजन का लक्ष्य रखा गया है. अब तक 4 करोड़ 21 लाख से अधिक मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है. अभी लगभग 4 लाख 48 हजार मनरेगा योजनाओं में काम चल रहा है. जिसमें प्रतिदिन लगभग साढ़े नौ लाख से 10 लाख मजदूर काम कर रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक 1 लाख 296 नये जाॅब कार्ड दिए गए हैं. जिससे 1 लाख 47 हजार 493 मजदूरों को जोड़ा गया है.
मजदूरी, सामग्री का अनुपात 60: 40 नहीं तो कार्रवाई
मनरेगायोजनाओं के बारे में बताते हुए विभागीय मंत्री ने बताया कि मनरेगा योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक परिवार के व्यस्क लोगों को सालभर में 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है, इसके साथ ही टिकाऊ स्वरूप की परिसंपत्तियों के सृजन, उन्नत जल सुरक्षा, मृदा संरक्षण, सूखा रोधन, बाढ़ नियंत्रण, वृक्षारोपण आदि की योजनाएं संचालित की जाती हैं. जिसमें विभिन्न सामग्री प्रयुक्त होती हैं. मनरेगा योजनाओं में मजदूरी, सामग्री का अनुपात 60: 40 निर्धारित है.
कई जिलों में सामग्री राशि मद पर रोक
समीक्षा के क्रम में ऐसा पाया गया है कि कुछ प्रखंडों और कुछ जिलों में यह अनुपात बरकरार न रखकर सामग्री मद में 40 प्रतिशत से अधिक राशि व्यय किया गया है. उन जिलों के जिला पदाधिकारियों को टीम बनाकर जांच कराकर प्रतिवेदन विभाग को भेजने का निर्देश दिया गया है. या है. प्रतिवेदन प्राप्त होने पर जिम्मेवार कर्मियों, पदाधिकारियों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी . साथ ही 40 से अधिक व्यय करने वाले प्रखंडों में सामग्री मद की राशि के भुगतान पर तत्काल रोक लगायी गयी है. मंत्री ने कहा कि मनरेगा योजनाओं में किसी भी मद में राशि की कमी नहीं होने दी जायेगी.