पटना:कोरोना वायरस के कारण पूरे राज्य में स्वास्थ्य विभाग सिर्फ इसी बीमारी से निपटने में जुटा है. जिसके कारण गर्भवति महिलाओं के लिए एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. इसी कारण से गर्भवती महिलाएं घरों पर ही बच्चे को जन्म देने पर विवश हो रही हैं.
कोरोना इफेक्ट: एंबुलेंस नहीं मिलने से अस्पतालों तक नहीं पहुंच रही गर्भवती महिलाएं
कोरोना संक्रमण से उत्पन्न विशेष परिस्थिति के कारण गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु स्वास्थ्य संस्थानों में आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है. इसी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निजी एंबुलेंस से गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में आने पर 500 रुपये देने का फैसला लिया है.
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से 102 एंबुलेंस सर्विस गर्भवती महिलाओं को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पतालों तक लाने के लिए मुफ्त में मुहैया कराया जाता है. लेकिन वर्तमान में सभी एंबुलेंस सिर्फ और सिर्फ कोरोना संबंधित सेवाओं में जुटी हुई है. जिसके कारण स्वास्थ विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि हर गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में आने के लिए 500 रुपये उनके खाते में एंबुलेंस के लिए दिए जाएंगे.
राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जारी किया गया पत्र
इस के बारे में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी किया है. जिसमें लिखा गया है कि गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क 102 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में यदि कोई भी गर्भवती महिला निजी एंबुलेंस से सरकारी अस्पताल आती है तो उसके खाते में 500 रुपये दिए जाएंगे. यह राशि एनएचएकेएसएमआर कोड फ्री रेफरल ट्रांसपोर्ट के तहत गर्भवती महिला के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाएगा. पैसे का ट्रांसफर तभी होगा जब अस्पताल प्रबंधक की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इस प्रमाण पत्र में यह लिखा होना आवश्यक है कि "102 एंबुलेंस की अनुपलब्धता के कारण संबंधित महिला को एंबुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी".