पटना: आपदा विभाग की तरफ से जिला पदाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षकों को प्रखंड, पंचायत और ग्राम में क्वारंटाइन कैंप की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. बिहार सरकारके आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र के माध्यम से इस बारे में अधिकारियों को अवगत कराया है.
इसमें उन्होंने कहा है कि पिछले वर्ष करोना वायरस संक्रमण के परिपेक्ष में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के लिए तीन स्तरीय प्रखंड पंचायत और ग्राम क्वारंटाइन कैंपों का संचालन सफलतापूर्वक किया गया था.
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बाहर से आने वाले लोगों को किया जाएगा क्वारंटाइन
वर्तमान में करोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है. इसके साथ ही अन्य राज्यों में संक्रमण के परिप्रेक्ष में लागू लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू एवं विभिन्न प्रतिबंधों के फलस्वरुप प्रवासी श्रमिकों का आगमन तीव्र गति से हो रहा है.
आपदा विभाग की तरफ से जिला पदाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि प्रखंड पंचायत और ग्राम में क्वारंटाइन कैंप की व्यवस्था की जाए.
इसमें जांच के बाद 4 दिनों तक लोगों को रखा जाएगा. इसके लिए राज्य के सभी अनुमंडल में बड़े भवनों को चिन्हित कर लिया जाए. प्रवासी या अन्य लोगों के भोजन, रहने की सुरक्षा, निगरानी एवं स्वास्थ्य जांच की सुविधा रहेगी.
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क्वारंटाइन कैंपों में हर सुविधा होगी उपलब्ध
सभी क्वारंटाइन कैंपों में पानी एवं शौचालय की व्यवस्था लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग एवं बिजली के माध्यम से की जाएगी. चिकित्सीय सुविधा अनुमंडल स्थित अस्पताल के द्वारा स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित कर उपलब्ध कराई जाएगी. क्वारंटाइन कैंपों में पदाधिकारी कर्मचारी भी अनिवार्य रूप से मास्क सैनिटाइजर का उपयोग करेंगे.
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आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्देश दिया गया है कि प्रत्येक क्वारंटाइन कैंपों में पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट की तैनाती की जाएगी. संबंधित अनुमंडल अधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने क्षेत्र अधीन नोडल पदाधिकारी होंगे. वे क्वारंटाइन कैंपों की व्यवस्था एवं उसकी निगरानी के लिए जिम्मेदार होंगे.
क्वारंटाइन में रह रहे किसी भी स्थिति में क्वारंटाइन अवधि के पूर्व कैंप से बाहर कोई व्यक्ति नहीं जाएगा. क्वारंटाइन कैंपों में आए श्रमिकों की चिकित्सीय जांच के क्रम में यदि किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण का लक्षण पाए जाता है तो उसे आइसोलेशन सेंटर में भेज दिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी.