पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. आंकड़ा 40 हजार के पार पहुंच चुका है. सरकार के पास अस्पताल में इतनी जगह नहीं है कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जा सके. आए दिन अस्पतालों से बदइंतजामी की तस्वीरें सामने आ रही हैं.
राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार को फेल बताते हुए यहां तक कह दिया है कि बिहार के अस्पतालों में अब रोगियों के लिए जगह नहीं है, इसलिए सरकार ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया है.
'अस्पतालों में नहीं है जगह'
कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है. लॉकडाउन के बावजूद हर रोज 2000 से 3000 कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं. जिस रफ्तार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है उस हिसाब से सरकार की तैयारी नहीं है. अस्पताल में बेड की संख्या कम पड़ जा रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 43591 मरीज हैं जिसमें 29220 ठीक हो चुके हैं, अभी 14101 कोरोना के एक्टिव मरीज हैं.
राजधानी पटना में हालत बेकाबू
संसाधनों की कमी के कारण प्रदेशभर के मरीज राजधानी पटना का रुख कर रहे हैं. इस कारण राजधानी के अस्पतालों पर दबाव काफी ज्यादा बढ़ गया है. राजधानी पटना में स्थिति बेकाबू है. पटना में फिलहाल 4403 एक्टिव केस है जबकि सरकार के पास व्यवस्था सीमित है. पटना में अब तक 41 लोगों की मृत्यु हो चुकी है अब तक कुल मिलाकर 7481 लोग पटना में संक्रमित पाए गए.