नालंदा/पटना: या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: के मंत्र उच्चारण के साथ शनिवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया है. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना किया गया. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना प्रारंभ हो गया. बिहार शरीफ के भराव पर श्री महावीर स्थान बड़ी दुर्गा मंदिर, धनेश्वर घाट स्थित मंदिर, पंडित गली मां मंगला गौरी के मंदिर में सहित अन्य मंदिरों में पूरे रीति-रिवाज के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो गया.
कलश स्थापना के साथ नवरात्र शुरू, माहौल हुआ भक्तिमय
जिले में सभी जगहों पर इस बार पूजा पंडाल में नहीं बल्कि मंदिरों में ही कलश स्थापना कर पूजा अर्चना की जा रही है. ऐसे में नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जा रही हैं.
मां दुर्गा की आराधना
नवरात्र के पहले दिन श्रद्धालुओं ने मंदिरों में प्रवेश किया और मां दुर्गा की आराधना की. वैश्विक महामारी कोरोना के कारण इस बार पूरे जिले में गृह विभाग के निर्देशानुसार पंडाल का निर्माण नहीं कराया गया है, ना ही मूर्ति स्थापना की गई है. जिसके कारण श्रद्धालुओं में थोड़ी मायूसी जरूर देखी जा रही है. 10 दिनों तक चलने वाले शारदीय नवरात्र को लेकर पूरा जिला भक्तिमय हो गया है. लोग माता रानी की आराधना में जुट गए हैं.
पूजा पंडाल और मेले पर है पाबंदी
वहीं, इस बार मां का आगमन घोडे़ पर हो रहा है. इस बार के पूजा को लेकर बाजारों मे खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है. इस बार सभी लोग अपने-अपने घरों में पूजा अर्चना कर रहे हैं. वहीं मंदिरों के अलावा कुछ सार्वजनिक स्थानों पर कलश स्थापना किया जा रहा. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा का आगमन भविष्य में होने वाली घटनाओं के संकेत के रूप में भी देखा जाता है. हर वर्ष नवरात्रि में देवी दुर्गा का आगमन का अलग-अलग महत्व होता है. बहरहाल, इस बार के नवरात्र पूजा का माहौल पुरी तरह से बदल चुका है, जहां प्रशासनिक स्तर पर पूजा पंडाल और दशहरा मेला पर भी पाबंद लगाया गया है. जिसको लेकर मसौढ़ी में विभिन्न स्थानों पर सिर्फ कलश स्थापना कर पूजा अर्चना की जा रही है.