पटना : कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान स्वास्थ्य कर्मी भगवान बनकर लोगों की सेवा करते नजर आ रहे हैं, मगर इन्हीं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ कहीं ना कहीं बदसलूकी और अमानवीयता कि घटनाएं भी इन दिनों खूब सामने आ रही है.
ताजा मामला पटना के पीएमसीएच से जुड़ा हुआ है, जहां पीएमसीएच में काम करने वाली एक नर्स को खेमनीचक में उसके मकान मालिक ने यह कह कर मकान में आने से मना कर दिया कि जब तक कोरोना का संक्रमण कम नहीं हो जाता है. वे उन्हें मकान में घुसने नहीं देंगे.
'पीएमसीएच में ड्यूटी करेंगी तो मकान में घुसने नहीं दिया जाएगा'
पीड़ित नर्स ने ईटीवी भारत को पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि लॉक डाउन के अगले ही दिन उसे मकान मालिक ने यह कह कर घर में आने से रोक लगा दिया था कि अगर वह पीएमसीएच में ड्यूटी करेंगी तो उन्हें मकान में घुसने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि मकान मालिक ने यहां तक कहां कि उनके कारण मोहल्ले में कोरोना वायरस फैल सकता है. पीड़ित नर्स पीएमसीएच में नर्सेज एसोसिएशन की महासचिव प्रमिला कुमारी के घर पर पिछले कई दिनों से रहने को मजबूर हैं.
पीएमसीएच अधीक्षक से बात करते संवाददाता 'स्वास्थ्य कर्मियों के साथ नहीं किया जाए भेदभाव'
इस पूरे प्रकरण पर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ विमल कारक का कहना है कि नर्सेज एसोसिएशन की तरफ से इस प्रकार का कोई मामला उनके समक्ष नहीं आया है. उन्होंने बताया कि अगर नर्स एसोसिएशन की तरफ से इस संबंध में उनके पास कोई जानकारी आती है तो इसको लेकर वह कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखेंगे. उन्होंने यहां तक बताया कि मीडिया के माध्यम से उन्हें इस बात की जानकारी मिली है और वह जिला प्रशासन से अपील करना चाहेंगे कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ इस प्रकार भेदभाव न किया जाए और उन्हें उनके मकान में जहां वह किराए पर रहती हैं वहां रहने दिया जाए.