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1 लाख 62 हजार रुपये खर्च कर तेलंगाना से मजदूर पहुंचे बिहार

तेलंगाना के सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाली मजदूर सुशील ने बताया कि हम लोग 2 महीने से वहां बैठे हुए थे और कोई काम-धाम नहीं था. इसलिए कंपनी वाले ने बस का इंतजाम करवा दिया और हम लोग वहां से चले आए.

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Published : May 11, 2020, 10:46 AM IST

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पटनाःपूरे देश में 3.0 लॉक डाउन चल रहा है. लॉक डाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित घर छोड़ कर दूसरे प्रदेश में काम करने वाले गरीब मजदूर हुए. कल-कारखाने बंद पड़े हैं, जिसकी वजह से काम-धंधा भी उन्हें नहीं मिल रहा है. अब मजदूर अपने घर जाने को मजबूर है, जिन्हें जो साधन मिल रहा है, उसी से अपने घर आ रहे हैं.

लॉक डाउन से मजदूर परेशान
रविवार को पटना की सड़कों पर दो दर्जन से ज्यादा मजदूर रात में भटकते नजर आए, जब इनसे ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि वो लोग यहां कैसे आये, तो उन्होंने जवाब दिया कि तेलंगाना से सभी एक लाख 62 हजार में बस बुक कर बिहार आये हैं. लेकिन बस ने पटना में उतार दिया, जिसके बाद से ये सभी बिहार के गोपालगंज, सिवान, छपरा और डिहरी जाना चाहते हैं मगर कोई साधन नहीं मिल रहा है.

1 लाख 62 हजार रुपये खर्च बिहार पहुंचे मजदूर
आपको बताते चलें कि यह सभी मजदूर तेलंगाना में एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करते थे. जहां 2 महीने से काम बंद हो चुका है और इन लोगों को काफी खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. उसी कड़ी में इन मजदूरों को कंपनी के लोगों ने एक बस एलॉट करवाया, जिसमें प्रति व्यक्ति 42 सौ रुपये किराया लगा कर वहां से पटना पहुंचे हैं. पटना पहुंचने के बाद इन्हें पटना पुलिस की ओर से खगोल भेजा गया. जहां से इन सभी को अपने-अपने गंतव्य स्थान पर भेजा जाएगा. 22 मजदूर गोपालगंज, छपरा, सिवान और डेहरी के रहने वाले हैं. 18 मजदूर झारखण्ड के रहने वाले है. ये लोग कुल 1 लाख 62 हजार रुपये देकर पटना पहुंचे हैं. इन सभी के पास तेलंगाना प्रशासन का लेटर भी है.

मजदूरों का बयान.

मजदूरों के पास है तेलंगाना प्रशासन का लेटर
तेलंगाना के सीमेंट फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर सुशील ने बताया कि हम लोग 2 महीने से वहां बैठे हुए थे और कोई काम-धंधा नहीं था. इसलिए कंपनी वालों ने बस का इंतजाम करवा दिया और हम लोग वहां से चले आए. वहीं, मजदूर श्रीकांत ने बताया कि हम लोग बस का किराया 1 लाख 62 हजार रुपये देकर आए हैं. सभी लोग 42-42 सौ रुपये जमा किए हैं, तब हम लोग पटना आ गए हैं.

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