पटना: जम्मू-कश्मीर सेअनुच्छेद 370 हटते ही कुछ घरों में ऐसी रौनक आई कि मानो कोई जंग जीत ली हो. खासतौर पर उनके चेहरे खिल उठे जो कश्मीर से शादी करके बिहार आ गए थे, लेकिन पिछले कानून की वजह से वह कभी कश्मीर नहीं जा सके. अब वह खुश हैं क्योंकि अब बिहार के साथ-साथ कश्मीर भी उसका है.
यहां की है पूरी कहानी
यह पूरी कहानी बोरिंग रोड निवासी सतीश गुप्ता के घर की है. जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की मीनाक्षी से लव मैरेज की थी. सतीश गुप्ता आरा के रहने वाले हैं, लेकिन अब वह पटना में रहते हैं, और अपना कारोबार करते हैं. सतीश तो मीनाक्षी को लेकर पटना आ गए, घर बसा लिया बाल-बच्चे भी हो गये, लेकिन मीनाक्षी के मन में एक कसक रह गई कि उनका कश्मीर छूट गया.
कश्मीरी मीनाक्षी की प्रेम कहानी
मीनाक्षी कहती हैं कि उसका घर घाटी के अनंतनाग जिले के चोगाम में है. 17 साल पहले वह पढ़ाई के लिए कश्मीर से जम्मू आई थी. इसी दौरान उसकी मुलाकात सतीश गुप्ता से हुई. सतीश माता वैष्णो देवी के भक्त हैं. वह हर साल मां के दर्शन के लिए जाते हैं. सतीश और मीनाक्षी ने पहली मुलाकात में ही एक-दूसरे को पसंद कर लिया. दोनों परिवारों की रजामंदी से सतीश और मीनाक्षी की शादी हो गई, लेकिन मीनाक्षी की नागरिकता चली गई. क्योंकि पिछले अनुच्छेद 370 के मुताबिक कश्मीर की लड़की यदि भारत के किसी अन्य राज्य में शादी कर ले तो उसकी कश्मीरी नागरिकता खत्म हो जाती थी.
अब बहुत खुश हैमीनाक्षी
यही वजह है कि मीनाक्षी को यह बात अखड़ती रही कि उसके अपने पराये हो गये. उसकी धरती अजनबी हो गई. वह भी सिर्फ पुराने अनुच्छेद 370 के चलते. मीनाक्षी कहती है कि अब वह बेहद खुश है कि उसकी नागरिकता वापस मिल रही है, क्योंकि अब कश्मीर में भी सिर्फ भारतीय की नागरिकता ही होगी. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों परिवारों की जिंदगी पूरी तरह बदल गई है. अब मीनाक्षी रक्षाबंधन पर अपने इकलौते भाई दीपेश को राखी बांधने के लिए कश्मीर जाने की तैयारी कर रही है.